बदायूं (उत्तर प्रदेश) में साधु की निर्मम हत्या कर शव सडक के किनारे फेंक दिया गया ।

बदायूं (उत्तर प्रदेश) – यहां के मिहौना गांव में एक साधु की निर्मम हत्‍या करके उनका अर्धनग्‍न शरीर सडक के किनारे फेंक दिया गया । साधु का मुंह कुचला हुआ था एवं उनके शव को जलाने का भी प्रयास किया गया है ।

कुंभमेला भारत की सांस्कृतिक महानता का दर्शक ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

कुंभमेला हिन्‍दुओं के लिए विश्‍व का सबसे बडा धार्मिक पर्व है । यह पर्व भारत की सांस्‍कृतिक महानता का दर्शक और सत्‍संग (संतों का सत्‍संग) देनेवाला आध्‍यात्‍मिक सम्‍मेलन है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्र एवं धर्म संबंधी फलक प्रदर्शनी के कारण लाखों श्रद्धालुओं को धर्मरक्षा का विषय ज्ञात होगा ! – पू. आशीष गौतम

हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय मार्गदर्शक सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने संतसंपर्क अभियान के अंतर्गत ‘दिव्‍य प्रेम सेवा मिशन’ के संस्‍थापक अध्‍यक्ष पू. आशीष गौतमजी से भेंट की ।

हिन्दू धर्मरक्षा का कार्य करनेवालों की हम सदैव सहायता करेंगे ! – प.पू. शास्त्री वल्लभदास स्वामी

हिन्‍दू धर्मियों की स्थिति गंभीर है । सर्वत्र देवी-देवताआें का अनादर हो रहा है । यह परिस्थिति बदलने के लिए कार्य करनेवाली सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की हम सदैव सहायता करेंगे ।

धर्मकार्य के लिए आपका चुना जाना, यह सौभाग्य की बात ! – स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती

हम स्वयं कुछ नहीं करते, भगवान ही हमसे करवा लेते हैं । धर्मप्रसार के कार्य के लिए आपको चुना जाना सौभाग्य की बात है । यह धर्म की रक्षा का कार्य है ।

धर्मजागृति हेतु प्रयासरत भाग्यनगर (तेलंगाना) के पू. अनिलकुमार जोशी महाराजजी से सद़्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने की भेंट!

हरिद्वार (उत्तराखंड) – यहां के कुंभमेले में हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापित करने के लिए जनजागृति होने हेतु हिन्‍दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्‍था की ओर सेे ‘संत संपर्क’ अभियान चलाया जा रहा है ।

सनातन की श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने किए अयोध्या में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित प्रभु श्रीराम की मूल मूर्ति के दर्शन !

रामपंचायतन की यह मूर्ति अत्‍यंत सुंदर और विलोभनीय है । इस मूर्ति के मुख पर मनमोहक भाव है । उस मूर्ति में विशिष्‍ट प्रकार का आकर्षण है । इसलिए मनुष्य की दृष्टि उस पर से हटती नहीं ।

अयोध्या के श्री कालाराम मंदिर में विराजमान हैं सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित मंदिर के प्राचीन रामपंचायतन !

बाबर के आक्रमण में श्रीराम जन्‍मभूमि ध्‍वस्‍त होने से पूर्व वहां का भव्‍य श्रीराममंदिर सम्राट विक्रमादित्‍य ने लगभग २००० वर्ष पूर्व निर्माण किया था । उस समय सम्राट विक्रमादित्‍य द्वारा स्‍थापित हुई श्रीरामपंचायतन मूर्ति वर्तमान में अयोध्‍या के श्री कालाराम मंदिर में विराजमान है ।

नियमित उचित साधना करने से, आपातकाल में दैवी सहायता से आपकी रक्षा होगी ! – शॉन क्लार्क

मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन के पीछे मानव का हाथ है, ऐसा शास्त्रज्‍ञों का मत है; परंतु यदि मानव योग्य साधना आरंभ कर उसे नियमित रूप से बढाए, तो स्वयं में तथा आसपास सात्त्विकता निर्माण होती है ।

हिन्दू राष्ट्र हेतु समर्पित भाव से कार्य करना आवश्यक ! – सोवन सेनगुप्ता, शास्त्र धर्म प्रचार सभा

भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु से लेकर राममंदिर के लिए हुतात्‍मा (शहीद) हुए सभी लोग हमारे लिए आदरणीय हैं । हमें हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हुतात्मा नहीं, समर्पित होकर कार्य करना है ।