पंजाब में बंदी जीवनसाथी से एकांत में मिल सकते हैं !

अमृतसर (पंजाब) – पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश के उपरांत राज्य के कारागृहों में बंदियों को अपनी पत्नी के संघ २ घंटे एकांत कारावास में व्यतीत करने की व्यवस्था की है । इसमें अलग से पलंग, टेबल और संलग्न प्रसाधनगृह होगा । वर्तमान में यह सुविधा इंदवाल साहिब, नाभा, लुधियाना और बठिंडा महिला कारागारों में उपलब्ध करा दी गई है । पंजाब सरकार ने कहा कि कुख्यात गुंडों एवं यौन अपराधों से जुड़े प्रकरणों में दंड भोग रहे बंदियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी । इस सुविधा के लिए बंदी सर्व प्रथम कारागृह प्रशासन को आवेदन देता है । योग्य वर्तन वाले बंदियों का आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत २ घंटे तक अपने जीवनसाथी के साथ रहने की अनुमति मिलती है।

१. पंजाब सरकार ने कुछ नियमों की सूची भी बनाई है । सर्व प्रथम पति-पत्नी का विवाह प्रमाण पत्र दिखाना होगा । इसके उपरांत यौनरोग (एच.आई.वी.) यौन संचारित रोग (एस.टी.डी.), कोरोना संक्रमण और कोई अन्य रोग से मुक्त होने का प्रमाण देना होता है ।

२. पंजाब सरकार ने पति-पत्नी के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने देने का कार्यक्रम भी प्रारंभ किया है । जिसमें बंदी एक कक्ष में अपने परिवार के ५ सदस्यों से एक घंटे तक भेंट कर सकता है । वे भोजन एवं बातचीत करने के लिए एक साथ बैठ सकते हैं ।

३. भारत के बाहर कई देशों में कारागृहों में बंद बंदी अपने जीवनसाथी से पृथक कक्ष में मिलते हैं । यह सुविधा कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, फिलीपींस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में उपलब्ध कराई गई है ।