करवा चौथ
विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की मंगलकामना करके भगवान रजनीनाथ को (चंद्रमा को) अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं ।
विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की मंगलकामना करके भगवान रजनीनाथ को (चंद्रमा को) अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं ।
अधिक मास में सूर्य किसी भी राशि में संक्रमण नहीं करता अर्थात अधिक मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती । इस कारण चंद्र और सूर्य की गति में अंतर पडता है और वातावरण में भी ग्रहणकाल की भांति बदलाव आते हैं ।
‘१८.९.२०२० से १६.१०.२०२० की अवधि में ‘अधिक मास’ (मलमास) है । इस महीने में नाम, सत्संग, सत्सेवा, त्याग, दान आदि का अधिक महत्त्व होता है । इस महीने में दान करने से अधिक गुना फल मिलता है । इसलिए अनेक लोग अन्नदान, वस्त्रदान और ज्ञानदान करते हैं । दान पापनाशक है तथा वह पुण्यबल की प्राप्ति करवाता है ।
तीनों गुरुआें के नामों से प्रक्षेपित स्पंदनों का वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ द्वारा ७.६.२०२० को एक परीक्षण किया गया ।
शास्त्र में संगीत की परिभाषा ‘गायन, वादन एवं नृत्य’ का एकत्रित संयोग ‘संगीत’ कहलाता है, ऐसी बताई गई है । भारतीय गायन, वाद्य और नृत्य कलाओं का शास्त्रीय आधार है ।
कोरोना की आड में आजकल नास्तिकतावादी हिन्दू धर्म को लक्ष्य करने का एक भी अवसर नहीं छोडते । आजकल श्राद्धकर्म को लक्ष्य कर उसके विरुद्ध नास्तिकों का एक वॉट्सएप संदेश प्रसारित हो रहा है, हाल ही में एक धर्मनिष्ठ व्यक्ति ने इसकी जानकारी दी है । …
पितृपक्ष के काल में कुल के सभी पूर्वज अन्न एवं जल (पानी) की अपेक्षा लेकर अपने वंशजों के पास आते हैं । पितृपक्ष में पितृलोक पृथ्वीलोक के सर्वाधिक निकट आने से इस काल में पूर्वजों को समर्पित अन्न, जल और पिंडदान उन तक शीघ्र पहुंचता है ।
‘पितृपक्ष में पितरों के लिए किए श्राद्ध का श्राद्धविधि में उपयोग किए पिंडों पर क्या परिणाम होता है ?’, इसका वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए २७.९.२०१८ को रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम में ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ द्वारा एक परीक्षण किया गया ।
यातायात बंदी के कारण सभी श्रद्धालुआें को श्री गणेशजी की प्रतिस्थापना करने के लिए पुरोहित उपलब्ध होंगे ही, ऐसा नहीं है ।
‘आजकल पूरे विश्व में कोरोना महामारी के कारण सर्वत्र ही लोगों के बाहर निकलने पर अनेक बंधन लगे हुए हैं । भारत के विविध राज्यों में भी यातायात बंदी (लॉकडाउन) लागू है ।