जिन क्षेत्रों में हिंदू रहते हैं, वहां गोमांस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ! – असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा

“गाय हमारी माता है । हिन्दू गाय की पूजा करते हैं । बंगाल से हम गायों की तस्करी नहीं होने देंगे । जहां हिन्दू रहते हैं, वहां गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाएं । लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) के दारुल उलूम ने भी अनेक बार यही वक्तव्य दिया है”, ऐसा निवेदन असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने प्रस्तावित ‘गो सुरक्षा विधेयक’ पर किया । राज्य में गायों की सुरक्षा के लिए प्रयास करने का उन्होंने आश्वासन भी दिया । असम में आगामी सत्र में ‘गो सुरक्षा विधेयक’ प्रस्तुत किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।

भारतीय सेना द्वारा किया गया ‘द हिंदू’ का असत्य उजागर !

भारतीय सेना ने ‘द हिंदू’ के इस समाचार का खंडन किया है कि, गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के मध्य में एक बार पुनः संघर्ष हुआ है । भारतीय सेना ने एक निवेदन प्रसारित कर इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की है । 

अब १८ से ४४ वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को सरकारी केंद्र पर ऑनलाइन पंजीकरण के बिना टीका मिल जाएगा

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिए गए एक नए निर्णय के अनुसार, १८-४४ वर्ष की आयु वर्ग के लोग अब ऑनलाइन पंजीकरण के बिना भी कोरोना का टीका लगवा सकते हैं; परंतु वर्तमान में यह सुविधा केवल सरकारी केंद्रों में ही उपलब्ध होगी । निजी चिकित्सालयों के केंद्रों के लिए अभी भी ऑनलाइन पंजीकरण करना आवश्यक होगा तथा टीकों का आबंटन आरक्षित करना होगा । 

कोरोना के समय में विदेशों में गाय को गले लगाना, नागरिकों के लिए उपयुक्त सिद्ध हो रहा है !

अमेरिका तथा यूरोप में लोगों ने कोरोना काल के मानसिक तनाव से निपटने के लिए गायों को गले लगाना प्रारंभ कर दिया है । इसके लिए अनेक लोग १४ सहस्त्र ५०० रुपए तक का भुगतान भी कर रहे हैं । इसके पूर्व भी यह सामने आया था कि विदेश में ऐसा प्रयास किया जा रहा है; परंतु कहा जा रहा है कि कोरोना काल में इसमें वृद्धि हुई है ।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार कोरोना विषाणु वुहान से ही फैला था।

कई देशों ने चीन पर   कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप लगाया है; किन्तु  चीन ने अब तक इसे अस्वीकार  किया है । अब इस संबंध में एक नई जानकारी सामने आई है। नवंबर २०१९ में ’’ वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’’ की प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ता, जिनके बारे में कोरोना संक्रमित होने का दावा किया जाता है, अस्पताल में भर्ती हुए थे। वॉल स्ट्रीट जर्नल में ’’ रॉयटर्स ’’  की एक रिपोर्ट के अनुसार  उस समय दुनिया को कोरोना के प्रकोप के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। नवंबर २०१९ के बाद ही दुनिया में कोरोना संक्रमित हुआ था।

कोरोना के कारण मृत हुए कर्मचारियों के परिवार को टाटा स्टील सेवा निवृत्ति की उम्र तक वेतन देगा !

हमारे किसी भी कर्मचारी की कोरोना के कारण मृत्यु होने पर, उसके ऊपर निर्भर परिवार को उस कर्मचारी की उम्र के ६० वर्ष तक (अर्थात संबंधित कर्मचारी के सेवा निवृत्ति की उम्र तक) संपूर्ण वेतन दिया जाएगा । इतना ही नहीं, तो उनके बच्चों की शिक्षा की संपूर्ण व्यवस्था भी कम्पनी करेगी और ऐसे परिवार को मेडिकल, साथ ही निवास की सुविधा भी मिलती रहेगी, ऐसी घोषणा टाटा स्टील ने की है ।

काली और सफेद फंगस के बाद अब मिला पीले फंगस से संक्रमित मरीज !

काली और सफेद फंगस के बाद अब देश में पीले फंगस से संक्रमित मरीज मिला है । पीला फंगस अधिक खतरनाक होने का विशेषज्ञों ने कहा है । गाजियाबाद में मिले पीले फंगस के मरीज पर अभी अपचार चालू है । 

शरजील उस्मानी के विरोध में धार्मिक भावना दुखाए जाने पर गुनाह प्रविष्ट

अलीगड मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी शरजील उस्मानी के विरोध में ट्वीटर द्वारा धार्मिक भावना भडकाने पर गुनाह प्रविष्ट किया गया है । ‘जो हिंदू श्रीराम का जयघोष करता है, वो आतंकवादी होता है’, ऐसा उसने ट्वीट किया था । भाजपा नेता नवीन कुमार द्वारा की गई शिकायत के बाद यह गुनाह प्रविष्ट किया गया है ।

गाय को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उन्हे कत्ल के लिए भेजने वाले धर्मांध लडके को हिरासत में लिया गया

जे जे नगर कॉलोनी में बवाना भाग के सलमान नाम के लडके को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है । वो गायों को इंजेक्शन देकर बेहोश करता था और अन्य धर्मांधों को उन गायों को कत्ल के लिए ले जाने के लिए बताता था । गोरक्षकों ने उसे पकड कर पुलिस को दिया, तो दूसरा अरमान नामक धर्मांध घटना स्थल से भाग गया । 

(कहते हैं) ‘एलोपैथी की आलोचना करने वाले रामदेव बाबा के विरुद्ध  अपराध दर्ज करें !’

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने मांग की है कि, योग ऋषि रामदेव बाबा के विरुद्ध झूठे दावे करने और सार्वजनिक रूप से भ्रम पैदा करने के लिए, संक्रामक रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए । उन्होंने चेतावनी दी, ”यदि योग ऋषि रामदेव बाबा के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन को लोकतांत्रिक मार्ग से संघर्ष करना  होगा और न्यायालय की सहायता लेनी होगी ।”