आदि शंकराचार्यजी के काल और वर्तमान काल के धर्म विरोधियों में भेद !
‘आदि शंकराचार्यजी ने भारत में सर्वत्र घूमकर हिन्दू धर्म के विरोधियों से वाद-विवाद में जीतकर हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना की । उस काल के विरोधी वाद-विवाद करते थे । इसके विपरीत वर्तमान काल के धर्म विरोधी वाद-विवाद न कर केवल शारीरिक और बौद्धिक गुंडागिरी करते हैं !’