सनातन-निर्मित सर्वांगस्पर्शी अनमोल आध्यामत्मिक ग्रंथसंपदा सभी भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हो; इसके लिए ग्रंथनिर्मिति की व्यापक सेवा में सम्मिालित हों !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी जिन ग्रंथों का संकलन कर रहे हैं, उन ग्रंथों में से नवंबर २०२० तक केवल ३२९ से अधिक ग्रंथ-लघुग्रंथों की निर्मिति हो पाई है तथा अन्य लगभग ६ सहस्र से भी अधिक आध्यात्मिक ग्रंंथों की निर्मिति की प्रक्रिया तीव्रगति से हो, इसके लिए अनेक लोगों की सहायता की आवश्यकता है ।