सनातन-निर्मित सर्वांगस्पर्शी अनमोल आध्यामत्मिक ग्रंथसंपदा सभी भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हो; इसके लिए ग्रंथनिर्मिति की व्यापक सेवा में सम्मिालित हों !

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी जिन ग्रंथों का संकलन कर रहे हैं, उन ग्रंथों में से नवंबर २०२० तक केवल ३२९ से अधिक ग्रंथ-लघुग्रंथों की निर्मिति हो पाई है तथा अन्‍य लगभग ६ सहस्र से भी अधिक आध्‍यात्मिक ग्रंंथों की निर्मिति की प्रक्रिया तीव्रगति से हो, इसके लिए अनेक लोगों की सहायता की आवश्‍यकता है ।

साधको, आश्रम के अन्‍नपूर्णा कक्ष (रसोईघर) की सेवाआें में सहभागी होकर अपनी आध्‍यात्मिक उन्‍नति कर लें !

रामनाथी, गोवा स्‍थित सनातन का आश्रम अर्थात चैतन्‍य का स्रोत ! रामनाथी आश्रम में अन्‍नपूर्णा कक्ष (रसोईघर) की विविध सेवाआें के लिए साधकसंख्‍या अल्‍प पड रही है । यह सेवा करने के लिए शारीरिक क्षमतावाले स्‍त्री और पुरुष साधकों की आवश्‍यकता है ।

‘अकस्मात उत्पन्न स्‍वास्‍थ्‍य की समस्या के लिए चिकित्सकीय उपचार लेना सुलभ हो’; इसके लिए चिकित्सकीय परीक्षण की धारिकाएं (फाइल्स) उचित ढंग से बनाएं !

रोगी यदि विविध चिकित्‍सा-पद्धतियों के अनुसार, उदा. एलोपैथी और आयुर्वेद के अनुसार उपचार ले रहा हो, तो उस संबंधित चिकित्‍सा-पद्धति के अनुसार अलग धारिका होना अच्‍छा रहेगा । उसके कारण संबंधित उपचारों की प्रविष्‍टियां स्‍वतंत्र रहेंगी ।

साधकों, सामने खडे घोर आपातकाल को देखते हुए सामाजिक माध्यमों जैसे साधनों का अनावश्यक प्रयोग कर समय व्यर्थ न गंवाएं !

आजकल मनुष्‍य ‘वॉट्‍स एप’, ‘फेसबुक’, ‘ट्विटर’, ‘टेलीग्राम’, ‘इंस्‍टाग्राम’ इत्‍यादि सामाजिक माध्‍यमों कागुलाम होता जा रहा है और इसके द्वारा वह अपने जीवन का अमूल्‍य समय अनावश्‍यक और अर्थहीन बातें देखने में खर्च कर रहा है ।

साधकों, आवश्यक चिकित्सकीय परीक्षण शीघ्र करवा लें !

लेखों में दिए वर्णन से यह ध्‍यान में आएगा कि संकटकाल में चिकित्‍सालय, डॉक्‍टर, वैद्य, औषधियां आदि का सहजता से उपलब्‍ध होना कठिन है । उसी प्रकार एलोपैथी चिकित्‍साशास्‍त्र के अनुसार आवश्‍यक परीक्षण, वैद्यों से जांच कराने से लेकर रक्‍त-मूत्र जैसे परीक्षण और सीटी स्‍कैन, एंजियोग्राफी जैसी अधिक जटिल प्रकार के परीक्षण कराना भी कठिन होगा ।

साधको, वैकल्पिक स्थान पर घर अथवा स्थान खरीदते अथवा किराए से लेते समय होनेवाली ठगी टालने के लिए सतर्क रहें !

आपातकाल की तैयारी की दृष्टि से वर्तमान में कुछ साधक वैकल्पिक स्थान पर घर अथवा स्थान खरीदने का प्रयत्न कर रहे हैं तथा कुछ साधक किराए से घर ले रहे हैं । कुछ साधक उनके अपरिचित स्थान पर घर अथवा स्थान खरीदते हैं, तब संपत्ति खरीदी की प्रक्रिया के कुछ लोग अत्यधिक मूल्य बताकर साधकों को ठग रहे हैं, ऐसा ध्यान में आया है ।

साधकों के लिए सूचना और पाठक, हितचिंतक और धर्मप्रेमियों से नम्र विनती !

वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण अनेक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं तथा सर्वत्र बेरोजगारी बढी है । इस परिस्थिति का दुरुपयोग कर कुछ व्यक्ति सहस्रों-लाखों रुपयों की लॉटरी लगने अथवा मूल्यवान वस्तुआें के पारितोषिक मिलने के संदेश, ऑडियो मेसेज, लिंक सर्वत्र प्रसारित कर रहे हैं ।

शारदीय ऋतुचर्या – शरद ऋतु में नीरोगी रहने के लिए आयुर्वेदिक उपाय !

वर्षा ऋतु समाप्‍त होते ही सूर्य की प्रखर किरणें धरती पर पडने लगती हैं, तब शरद ऋतु प्रारंभ होती है । शरद ऋतु आरंभ होने पर अचानक उष्‍णता बढने से प्राकृतिक रूप से पित्तदोष बढता है तथा आंखें आना, फोडे होना, बवासीर की पीडा बढना, ज्‍वर आना आदि विकारों की शृंखला ही निर्माण होती है ।

ठंड के मौसम में होनेवाली बीमारियों के सरल उपचार

ठंड के मौसम में ऋतुचक्र के अनुसार ठंड और सूखापन बढता है । उसका उचित प्रतिकार न करने से विविध बीमारियां होती हैं । इनमें से अधिकतर बीमारियां ‘तेल का उचित उपयोग करने और सेंकने जैसे उपचारों से ठीक होती हैं ।

शांत निद्रा के लिए सरल आयुर्वेदीय उपचार

एलोपैथी के उपचारों से विकार ठीक नहीं हुआ है;  परंतु आयुर्वेदीय उपचारों से वह ठीक हो गया है, ऐसा अनुभव आपको हुआ हो, तो वह आगे दिए अनुसार विस्‍तृत लिखकर अथवा टंकित कर वैद्य मेघराज पराडकर के नाम ‘२४/ब, सनातन आश्रम, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा, पिन – ४०३ ४०१’, इस पते पर अथवा [email protected] इस इ-मेल पते पर भेजें ।