पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमियों को धर्मकार्य में सहभाग लेने हेतु स्वर्णिम अवसर !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ वैज्ञानिक भाषा में आध्यात्मिक शोधकार्य करने का एकमेवाद्वितीय तथा ऐतिहासिक कार्य कर रहा है । इस विश्वविद्यालय के कुछ साधक संतों के मार्गदर्शन के अनुसार विविध स्थान पर प्रवास कर भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर का संग्रह कर रहे हैं ।

कोरोना विषाणु के विरुद्ध स्वयं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु चिकित्सकीय उपचारों के साथ आध्यात्मिक बल प्राप्त होने हेतु ‘श्री दुर्गादेवी, दत्त देवता एवं भगवान शिव’, इन देवताओं का एकत्रित नामजप ध्वनिविस्तारक द्वारा सर्वत्र लगाने का नियोजन करें !

यह सिद्ध हो चुका है कि ‘नामजप न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए पूरक है, साथ ही विविध विकारों के निर्मूलन के लिए भी लाभदायक है । वर्तमान कोरोना महामारी के काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने के लिए योगासन, प्राणायाम, आयुर्वेदीय उपचार इत्यादि प्रयास समाज के लोग कर रहे हैं ।

सनातन आश्रम रामनाथी (गोवा) एवं देवद (पनवेल) में ‘ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर’ की त्वरित आवश्यकता !

सनातन के रामनाथी और देवद आश्रम में राष्ट्र और धर्म का कार्य नि:स्वार्थ रूप से करनेवाले अनेक साधक निवास करते हैं । इनमें से कुछ रोगी साधकों के लिए समय-समय पर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ।

२६.५.२०२१ को होनेवाला खग्रास चंद्रग्रहण

वैशाख पूर्णिमा, २६.५.२०२१, बुधवार को होनेवाला खग्रास चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए ग्रहण का कोई भी वेध आदि नियम पालने की आवश्‍यकता नहीं । यह चंद्रग्रहण एशिया खंड के पूर्वीय प्रदेश, ईशान्‍य भारत, चीन, जापान, कोरिया, थायलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, श्रीलंका, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और कैनडा में दिखाई देगा ।

शोधकार्य के माध्‍यम से संपूर्ण मानवजाति के लिए अनमोल धरोहर उपलब्‍ध करवानेवाले ‘महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय’ को छायाचित्रकों की (‘फोटो कैमरों’ की) आवश्‍यकता !

‘महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय’ वैज्ञानिक भाषा में आध्‍यात्मिक शोधकार्य कर रहा है, जो एकमेवाद्वितीय और ऐतिहासिक है ।

सर्वत्र बढ रहे ‘कोरोना’ संक्रमण से भयभीत हुए बिना निम्‍न स्‍वसूचना देकर आत्‍मबल बढाएं !

‘वर्तमान में भारत सहित कुछ अन्‍य राष्‍ट्रों में ‘कोरोना’ संक्रामक विषाणु का फैलाव हुआ है । इसलिए जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त होकर सर्वसामान्‍य नागरिकों में भय का वातावरण निर्माण हुआ है ।

सनातन आश्रम रामनाथी (गोवा) और देवद (पनवेल) में ‘ऑक्‍सीजन कॉन्‍सेन्‍ट्रेटर’ की त्‍वरित आवश्‍यकता !

सनातन के रामनाथी और देवद आश्रम में राष्‍ट्र और धर्म का कार्य नि:स्‍वार्थता से करनेवाले अनेक साधक निवास करते है । इनमें से कुछ रोगी साधकों के लिए समय-समय पर ऑक्‍सीजन की आवश्‍यकता होती है । वर्तमान में बाहर सर्वत्र ऑक्‍सीजन का अभाव है ।

‘निर्विचार’ अथवा ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप द्वारा निर्गुण स्‍थिति प्राप्‍त करने में सहायता होना

‘मन जब तक कार्यरत है तब तक मनोलय नहीं होता । मन निर्विचार करने हेतु स्‍वभावदोष-निर्मूलन, अहं-निर्मूलन, भावजागृति इत्‍यादि कितने भी प्रयास किए, तो भी मन कार्यरत रहता है । उसी प्रकार किसी देवता का नामजप अखंड किया, तो भी मन कार्यरत रहता है और मन में देवता की स्‍मृति, भाव इत्‍यादि आते हैं ।

कोरोना महामारी की तीव्रता ध्यान में रखकर अपने साथ कुटुंबियों की रक्षा होने हेतु ‘कोरोना’ संबंधी सूचनाओं का साधना के रूप में पालन करें !

मार्च २०२० से १ अप्रैल २०२१ तक भारत में १ करोड ३३ लाख से भी अधिक नागरिकों को कोरोना का संसर्ग हुआ । उसमें १ लाख ६९ सहस्र से भी अधिक रोगियों की मृत्यु हो गई । आजकल कोरोना का संसर्ग पिछले वर्ष की तुलना में अधिक वेग से फैल रहा है ।

‘कोरोना’ का बढता प्रादुर्भाव ध्‍यान में रख ग्रीष्‍म ऋतु में आयुर्वेद की दृष्‍टि से प्रतिबंधात्‍मक उपाय और पूर्वतैयारी

जिनमें कोरोना रोग के लक्षण पाए गए हैं एवं जो न्‍यूमोनिया या थकान आदि के लक्षणों के कारण अस्‍पताल में भरती हैं, ऐसों के लिए सुवर्ण मालिनी वसंत की २० गोलियां खरीद लें । पहले ५ दिन या बुखार एवं थकान जाने तक प्रतिदिन १ – १ गोली सवेरे-शाम लें ।