चीन की वुहान प्रयोगशाला से ही कोरोना की उत्पत्ति ! – डोनाल्ड ट्रम्प की पुनरावृत्ति

चीन से संपूर्ण विश्व को ७ लाख ३० सहस्र ३९५ अरब रुपये हानि भरपाई देने की मांग ! वॉशिंग्टन (अमेरिका) – चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से ही कोरोना की उत्पत्ति होने के विषय में मैंने जो बताया था, वही सत्य साबित हो रहा है । अब प्रत्येक व्यक्ति यही बता रहा है । मेरे … Read more

अँटार्क्टिका के समीप विशालकाय बर्फ का टुकडा पिघला !

अटार्क्टिका से स्पेन के माजोर बंदरगाह तक बर्फ का एक विशाल टुकडा पानी में गिरा है । उपग्रह और हवाई जहाज द्वारा लिए छायाचित्र में यह दृश्य दिखाई दिया । यह विश्व का अबतक का सबसे महाकाय बर्फ का टुकडा है, ऐसा बताया जा रहा है । पिछले वर्ष भी अँटार्क्टिका में बर्फ का एक बडा टुकडा पिघल गया था । 

कोरोना नियंत्रण के लिए चीन ने जो किया, अब भारत को भी वही करना चाहिए !

दुनिया भर के देशों को वैक्सीन उत्पादन में भारत की सहायता करनी चाहिए या भारत को अधिक से अधिक टीके दान करने चाहिए । जिस प्रकार से चीन ने एक वर्ष पहले कोरोना के लिए अस्पतालों का निर्माण किया था, उसका अनुकरण भारत को करना चाहिए । भारत को यह करना ही होगा ।

संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे बडी तेल पाइपलाइन पर साइबर हमला !

अमेरिका में सबसे बडी तेल पाइपलाइन पर साइबर हमले के बाद प्रशासन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है ।

अमेरिका ने कोरोना निवारक वैक्सीन के लिए आवश्यक कच्चे माल पर लगा हुआ निर्यात प्रतिबंध हटाने से मना कर दिया !

वॉशिंगटन (यूएसए) – “हम भारत के अनुरोध को स्वीकार करने के पहले अपने नागरिकों को अधिक प्राथमिकता देंगे । हमारे ऊपर अमेरिकी नागरिकों की विशेष जिम्मेदारी है”,

वर्ष २०२५ तक भारत और पाकिस्तान के बीच बडा युद्ध ! : अमेरिकी गुप्तचर संस्था का दावा !

वाशिंगटन (यू.एस.ए.) – यू.एस. नेशनल इंटेलिजेंस काउंसिल ने कहा है कि, ‘वर्ष २०२५ तक भारत और पाकिस्तान के बीच एक बडा युद्ध छिड सकता है ।’ संगठन ने अमेरिकी सरकार को एक ‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट’ सौंपी है ।

शालाओं में ‘स्वस्तिक’ यह चिन्ह धार्मिक घृणा के प्रतीक के रूप में सीखाने की मांग करने वाला विधेयक वापस लिया गया !

न्यूजर्सी (अमरिका ) – न्यूयॉर्क में शालाओं में ‘स्वस्तिक’, यह घृणा एवं असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में पढाया जाए, ऐसी मांग करने वाला एक विधेयक अमरिकी संसद में प्रस्तुत किया गया था । वह विधेयक अंततः हिंदुओं, जैन एवं बौद्धों के विरोध के कारण वापस ले लिया गया ।