CAG report : महाराष्ट्र सरकार की ४५ कंपनियां घाटे में ! – ‘कैग’ का विवरण (रिपोर्ट)

घाटे में रही कंपनियां बंद करने की सूचना

(‘कैग’ – ‘कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया’ – सरकार के लेखा की जांच करने का अधिकारपद – नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक)

मुंबई (महाराष्ट्र ) – महाराष्ट्र सरकार के उपक्रमों को अथवा कंपनियों को ३ सहस्र ६२३ करोड ४० लाख रुपए का घाटा (हानि) हुआ है । कुल कंपनियों में से ४५ कंपनियां घाटे में, ४७ कंपनियां लाभ में हैं, तो १८ कंपनियां ‘ना लाभ ना हानि’ ऐसी स्थिति दर्शाती है । महाराष्ट्र राज्य बिजली निर्मिति, महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन मंडल, एम.एस.आर.डी.सी. सी लिंक, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे, इन कंपनियों को सबसे अधिक घाटा हुआ है । कुल घाटे में से ९० प्रतिशत घाटा इन ४ कंपनियों का है । उपरोक्त विवरण ‘कैग’ द्वारा प्रकाशित किया गया है । चर्चा हो रही है कि कैग ने यह विवरण सरकार को प्रस्तुत करने पर भी चुनाव की पृष्ठभूमि पर वह वित्तसंकल्पीय अधिवेशन में प्रस्तुत नहीं किया गया । ३१ मार्च २०२३ को समाप्त हुए वित्तिय वर्ष का यह विवरण है ।

सरकारी उपक्रम अथवा कंपनियों में कुल १० वैधानिक मंडल, ८७ सरकारी कंपनियां एवं सरकार द्वारा नियंत्रित अन्य १२ कंपनियां समाहित हैं । इन कंपनियों द्वारा लिए गए ऋण के लिए सरकार द्वारा चुकौती की गारंटी ली गई है ।

कैग ने इस विवरण में कहा है कि,

१. कुल ९६ सरकारी कंपनियां एवं महामंडल के २६१ खाते में बकाया था । इन कंपनियों ने अपने वित्तीय विवरणपत्र समय मर्यादा में प्रस्तुत नहीं किए । ८ कंपनियों ने अपना प्रथम वित्तिय विवरण भी प्रस्तुत नहीं किया है ।

२. सरकार ने लाभ में रही ४७ कंपनियों द्वारा भले ही १ सहस्र ८३३ करोड २९ लाख रुपए का लाभ कमाया गया हो, तब भी उनमें से ९०.९३ प्रतिशत लाभ केवल १० कंपनियों का है ।

३. महापारेषण, महावितरण, महाराष्ट्र वन विकास महामंडल, खेती महामंडल, विदर्भ सिंचन विकास, वखार महामंडल, कोंकण सिंचन, फिल्म सिटी, पुलिस गृहनिर्माण संस्था, मिहान इंडिया लिमिटेड आदि संस्थाएं लाभ में हैं ।