Insecure Hindus Of Pakistan : वर्ष २०२३ में पाकिस्तान में १२१ हिन्दू महिलाओं का धर्मांतरण कर बलात्कार !

  • पाकिस्तान के हिन्दुओं का नरसंहार एवं अत्याचारों के भयावह आंकडे विशद करनेवाला विवरण (रिपोर्ट) प्रसारित !

  • हिन्दू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कार्य करनेवाले मुंबई के महेश वासू ने ‘सनातन प्रभात’ को जानकारी दी !

मुंबई – इस्लामी पाकिस्तान हिन्दुओं के लिए अक्षरश: नरक बन गया है । शीघ्र ही वहां उंगली पर गिनती के बराबर हिन्दू शेष रह जाएंगे, ऐसा कहना ही ठीक रहेगा । ऐसे में पाकिस्तान के हिन्दू-हित में आवाज उठानेवाले मुंबई के महेश वासू ने अत्यंत कष्ट कर वर्ष २०२३ के हिन्दुओं पर हुए भिन्न प्रकार के अत्याचार एवं नरसंहार का स्पष्टरूप से विवरण प्रस्तुत किया है । उनके द्वारा प्रसारित विवरण में स्थानीय प्रसारमाध्यमों द्वारा दिए गए समाचारों एवं प्रमाणों का आधार लिया गया है । उन्होंने इसकी जानकारी ‘सनातन प्रभात’ को भेजी ।

वार्षिक विवरण की महत्त्वपूर्ण जानकारी !

१. जिहादी पाकिस्तान की हिन्दू महिलाएं अत्यंत असुरक्षित जीवनयापन कर रही हैं । वर्ष २०२३ में बंदूक का भय दिखाकर अपहरण, बलात्कार, बलपूर्वक धर्मांतरण एवं विवाह के नाम पर देहव्यापार करने को बाध्य करने की पूरी १२१ घटनाएं सामने आई हैं ।

२. सामूहिक स्तर पर २ सहस्र २५१ हिन्दुओं का बलपूर्वक इस्लाम में धर्मांतरण किया गया ।

३. एक विवाहित हिन्दू महिला का अपहरण करना संभव न हुआ, इसलिए उसकी हत्या कर दी गई ।

४. हिन्दू पुरुषों का अपहरण अथवा बलपूर्वक धर्मांतरण करना अथवा उन पर यौन-शोषण कर अत्याचार करना, ऐसी ५ घटनाएं हुईं ।

५. ७८ हिन्दुओं की मृतदेह पेड से अथवा घरों में लटकने की घटनाएं सामने आईं । इनमें कुछ लोगों की मृतदेह कुएं से बाहर निकालने की घटनाएं भी समाहित हैं ।

६. हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर हिंसा कर हत्या करने की २५ घटनाएं हुईं ।

७. २१ हिन्दुओं का अपहरण कर उनसे पैसे ऐंठे गए, साथ ही गोली मारकर उनको घायल किया गया ।

८. हिन्दुओं को अवैध पद्धति से बंदी बनाए जाने की ३ घटनाएं सामने आई हैं ।

९. २०१ हिन्दू श्रमिकों को मुस्लिम जमींदारों ने अपने निजी कारागृह में बंदी बनाया ।

१०. हिन्दुओं के मंदिर, घर अथवा श्मशान भूमि पर आक्रमण की ७७ घटनाएं हुई हैं ।

संपादकीय भूमिका 

  • पाकिस्तान में असुरक्षित हिन्दू !
  • ‘भारत के मुसलमान संकट में हैं’, ऐसा जोर से रोना-धोना चालू कर भारत की प्रतिमा मलिन करने को इच्छुक पाश्चात्य प्रसारमाध्यम अब चुप क्यों हैं ? इस पर भारत सरकार उनसे जवाब मांगकर भारत में उन्हें प्रतिबंध क्यों न करे ?