Smruti Irani Without Hijab : हिजाब परिधान किए बिना मदिना गईं केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी के कारण पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची !

सऊदी के राजकुमार की आलोचना की !

(हिजाब अर्थात मुस्‍लिम महिलाओं का सिर एवं गरदन ढकने का वस्त्र)

स्‍मृति इरानी जी ने हिजाब अथवा अन्‍य किसी भी वस्त्र से सिर नहीं ढका था । इस विषय में सऊदी सरकार ने किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं दर्शाई

इस्‍लामाबाद (पाकिस्‍तान) – भारत की केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी ने सऊदी अरब का दौरा किया । इस समय वे मुसलमानों के पवित्र मदिना भी गईं थीं । मदिना जाते समय महिलाओं को सिर ढंकने के लिए हिजाब परिधान करने का इस्‍लाम एवं सऊदी अरब का नियम है । सिर ढके बिना आई हुई महिलाओं को दंड दिया जाता है । स्‍मृति इरानी ने साडी परिधान की थी; परंतु उन्‍होंने हिजाब अथवा अन्‍य किसी भी वस्त्र से सिर नहीं ढका था । इस विषय में सऊदी सरकार ने किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं दर्शाई, इसलिए पाकिस्‍तान को इस पर मिर्ची लगी है । उसने सऊदी अरब की आलोचना की है ।

(सौजन्य : The Abhishek Tiwary Show ) 

१. पाकिस्‍तानी नागरिकों ने सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्‍मद बिन सलमान की आलोचना करते हुए कहा है कि वे केवल धन की ओर देखते हैं । उन्‍होंने मस्‍जिद एवं मजारों को पर्यटन-केंद्र बना दिया है । उनके लिए केवल धन ही सबकुछ है । यह अच्‍छी बात नहीं है । उनको समझना चाहिए कि उनके देश से पूरे विश्‍व के मुस्‍लिम श्रद्धा से जुडे हैं ।

२. दूसरी ओर कुछ पाकिस्‍तानियों द्वारा इस विषय को लेकर पाकिस्‍तान एवं भारत की तुलना करते हुए भारत की प्रगति की प्रशंसा भी की है । पाकिस्‍तानियों का कहना है कि विश्‍व में परिवर्तन हो रहा है । सऊदी अरब स्‍वयं के लाभ का विचार कर रहा है । भारत एक बडा बाजार (मार्केट) है । इस कारण कोई भी उसकी अनदेखी नहीं कर सकता । सऊदी अरब अपनी पुरानी परंपरा से स्‍वयं को बाहर निकाल रहा है । वह अपनी देश की अर्थव्‍यवस्‍था में अधिक वृद्धि करने का विचार कर रहा है । स्‍मृति इरानी के दौरे को इसी दृष्टि से देखना चाहिए ।

३. एक पाकिस्‍तानी ने कहा कि हमें अन्‍यों की इतनी चूकें ढूंढने की अपेक्षा स्‍वयं की ओर देखना चाहिए । भारत ने स्‍वयं का एक स्‍थान निर्माण किया है । सऊदी अरब एवं संयुक्‍त अरब अमिरात में मंदिरों का निर्माण किया जा रहा हैं । वहां के राजा भारत का दौरा कर रहे हैं । प्रत्‍येक देश स्‍वयं का लाभ देख रहा है । चीन भी व्‍यापार की दृष्टि से भारत से निकटता बढा रहा है । कोई भी भारत जैसा बाजार (मार्केट) गंवाने को तैयार नहीं है ।