Adani-Hindenburg : अडानी-हिंडनबर्ग प्रकरण में विशेष अन्वेषण पथक स्थापन करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का नकार !

नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने अडानी-हिंडनबर्ग प्रकरण में विशेष अन्वेषण पथक (एस्.आई.टी.) स्थापन करने को नकार दिया है । साथही इस प्रकरण की जांच इडियन स्टॉक मार्किट का नियामक विभाग ‘सेबी’ को (‘सिक्युरिटीज अँड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया’ को) करने को कहा है । ‘सर्वोच्च न्यायालय ‘सेबी’ की जांच में छेडछाड नहीं करेगा’, ऐसा भी इस समय न्यायालय ने स्पष्ट किया ।

(सौजन्य : Republic World) 

१. न्यायालय ने कहा कि ‘सेबी’ ने २४ में से २२ प्रकरणों की जांच की है । शेष २ प्रकरणों की जांच २ महीनों में पूर्ण कर ब्यौरा प्रस्तुत करने का आदेश दे रहे हैं । ‘सेबी’ सक्षम प्राधिकरण है । ‘सेबी’ की जांच रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता ।

२. सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार और सेबी को भारतीय निवेशियों का हित संजोने के लिए विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के अनुसार कार्य करने को कहा है । न्यायालय ने ‘सेबी’ को विद्यमान नियामक प्रणाली में सुधार लाने के लिए विशेषज्ञ समिति की सूचनाओं पर काम करने को कहा है ।

सत्यमेव जयते ! – गौतम अडानी

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने आनंद व्यक्त किया । उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा है कि सत्य की विजय हुई । सत्यमेव जयते । जिन्होंने हमारा समर्थन किया, उनका मैं आभारी हूं । भारत के विकास के मार्ग में हमारा विनम्र योगदान सदैव रहेगा । जय हिंद ।

क्या है प्रकरण ?

अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के ब्यौरे में जनवरी २०२३ में गौतम अडानी के समूह पर शेअर मार्केट में फेरफार करने तथा धोखा देने का आरोप किया था । तदुपरांत इस समूह ने ये सभी आरोप अस्वीकार किए थे । इस प्रकरण की जांच विशेष अन्वेषण पथक द्वारा की जाने की मांग की गई थी ।