सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा बलात्कार के प्रकरण में लडकियों को दिए गए सुझाव पर जताया असंतोष !

  • संविधान द्वारा किशोर लडके-लडकियों को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन ! – सुप्रीम कोर्ट

  • कोलकाता उच्च न्यायालय ने कहा था कि किशोर लडकियों को अपनी यौन इच्छा पर नियंत्रण रखना चाहिए !


कोलकाता (बंगाल) – सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर में बलात्कार के एक प्रकरण में कोलकाता हाई कोर्ट की टिप्पणी पर असंतोष व्यक्त किया है । ‘किशोरियों को अपनी यौन इच्छा पर नियंत्रण रखना चाहिए । दो मिनट के आनंद को अधिक महत्त्व नहीं देना चाहिए तथा लडकों को भी लडकियों की गरिमा का सम्मान करना चाहिए’, कोलकाता हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक प्रकरण में ऐसा कहा था । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट की यह टिप्पणी आपत्तिजनक है, यह संविधान के अनुच्छेद २१ का उल्लंघन करती है ।

१. सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है तथा पीडित लडकी एवं बंगाल सरकार को नोटिस भी भेजा है । ४  जनवरी (२०२४) तक इस नोटिस का उत्तर मांगा गया है ।

२. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे प्रकरणों में कोर्ट को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से स्वयं को रोकना चाहिए । इस प्रकार की टिप्पणी किशोर लडके एवं लडकियों को संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करती है । इस प्रकरण में आरोपी को बरी करने का कोई ठोस कारण सामने नहीं आता ।

संपादकीय भूमिका 

लोगों का मानना है कि युवा पीढी में नैतिक मूल्यों को बढावा देने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भी समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए !