मेघालय के कैथोलिक चर्च ने समान नागरिकता कानून को दर्शाया तीव्र विरोध !
शिलौंग (मेघालय) – केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे ‘समान नागरिकता कानून’ का अबतक मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है । अब इसमें ईसाई चर्च एवं संगठन भी समाहित हो गए हैं । पूर्वोत्तर भारत के एक मुख्य कैथोलिक चर्च ने समान नागरिकता कानून को विरोध दर्शाया है एवं विधि आयोग को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति उठाई है । चर्च का कहना है कि संविधान की धारा ३४१ एवं ३४२ में जनजातीय समुदायों को सशक्त करनेवाले विशेष अधिकार एवं सुविधाओं का प्रावधान है । इस कानून के कारण वे नष्ट हो जाएंगे । सरकार को यह कानून लाने की इतनी शीघ्रता क्यों है ?
मुस्लिम संगठन के बाद अब ईसाई संगठन भी UCC के विरोध में। उन्होंने चिट्ठी में जो लिखा, पढ़िए:
“UCC की आड़ में एक धर्म से जुड़े विश्वास, रीति-रिवाज और प्रथाओं को दूसरे मजहब पर थोपा जाएगा”#UCC https://t.co/CKrj7Qh6O5
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 15, 2023
भारत में समान नागरिकता संहिता लागू न करने का आग्रह करते हुए चर्च ने आगे लिखा है, ‘हमारे देश में विविधता है तथा भारत सरकार से हमारी विनती है कि वे समान नागरिकता कानून लागू न करें ! हमारे राज्य के लोगों को उनकी प्रथा, परंपरा एवं मान्यताओं के प्रति गर्व है । समान नागरिकता कानून के माध्यम से उनको विकृत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती । यह कानून धार्मिक समूहों को उनके धर्म अंगीकार करने की स्वतंत्रता देने के संविधान की धारा २५ के विरुद्ध है ।’
गत माह नागालैंड सरकार ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह ने अपने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया था, ‘ईसाई समुदाय एवं कुछ जनजातीय क्षेत्रों को समान नागरिकता कानून की परिधि के बाहर रखने का हम विचार कर रहे हैं ।’
संपादकीय भूमिका
|