‘इसरो’ के वैज्ञानिकों ने तिरुपति के बालाजी मंदिर में जा कर लिया आशीर्वाद !
तिरुपति (आंध्र प्रदेश) – ‘भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्था’ की ओर से (‘इसरो’ की ओर से) १४ जुलाई के दिन दोपहर २:३५ पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ‘चंद्रयान-३’ प्रक्षेपित किया जाने वाला है । ‘इसरो’ की यह महत्वाकांक्षी परियोजना है । इसके पूर्व ‘इसरो’ के वैज्ञानिक इस परियोजना को ईश्वर का आशीर्वाद मिले, इसके लिए १३ जुलाई के दिन यहां के बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए गए । इस समय वैज्ञानिक अपने साथ ‘ चंद्रयान-३’ की छोटी प्रतिकृति भी ले गए थे । ‘चंद्रयान-३’ २४ अथवा २५ अगस्त २०२३ को चंद्रमा पर उतरने वाला है । इसके उपरांत आगे के १४ दिन वह चंद्रमा के पृष्ठ भाग की जानकारी एकत्रित करने वाला है ।
#WATCH | Andhra Pradesh | A team of ISRO scientists team arrive at Tirupati Venkatachalapathy Temple, with a miniature model of Chandrayaan-3 to offer prayers.
Chandrayaan-3 will be launched on July 14, at 2:35 pm IST from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, ISRO had… pic.twitter.com/2ZRefjrzA5
— ANI (@ANI) July 13, 2023
चंद्रयान भेजने वाला भारत विश्व का चौथा तथा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप पहुंचने वाला पहला देश होगा ।
Although liberalists mock @isro scientists’ move to Tirupati Venkatachalapathi Temple to pray for successful #Chandrayaan3 mission, crores of Indians unapologetically pray for the mega success!
We’re on the verge of making heroic history which the world will envy for decades!🤞 pic.twitter.com/h1O8PmV6x0
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 13, 2023
इसी स्थान पर ‘चंद्रयान-१’ के समय ‘चंद्र इंपैक्ट प्रोब’ छोडा गया था और उसके द्वारा चंद्रमा पर पानी होने की खोज की गई थी । ‘चंद्रयान-२’ चंद्रमा के पृष्ठभाग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ।