भारतीय सनातन संस्कृति का प्रकट रूप है सनातन प्रभात ! -स्वामी सम्वित सोमगिरी महाराज, बीकानेर, राजस्थान

पाक्षिक सनातन प्रभात की २१ वीं वर्षगांठ ऑनलाइन पद्धति से मनाई गई !

नई देहली – सनातन संस्कृति पर छाए घोर अंधःकार को नष्ट करने के लिए गत अनेक वर्षों से एक ज्योति कार्यरत है । तम के विरुद्ध संघर्ष कर रही यह ज्योति अर्थात सनातन प्रभात, ऐसा प्रतिपादन बिकानेर,राजस्थान के स्वामी सम्वित सोमगिरी महाराजजी ने किया । पाक्षिक सनातन प्रभात की २१ वीं वर्षगांठ के निमित्त १६ जनवरी को ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । इस समय उन्होंने सनातन प्रभात के राष्ट्र-धर्म के कार्य के योगदान के विषय में विस्तृत सूत्र प्रस्तुत किए ।

इस कार्यक्रम में बंगाल के शास्त्र धर्म प्रचार सभा, तथा टथ के संपादक पू.(डॉ) शिबनारायण सेनजी,हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रसारक पू.नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अध्यक्ष तथा सर्वोच्च न्यायालय के पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी,सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा,लष्कर-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल, सनातन प्रभात के सहायक संपादक श्री. चेतन राजहंस ऑनलाइन उपस्थित थे ।

इस कार्यक्रम का फेसबुक एवं यू ट्युब प्रणाली द्वारा सीधा प्रक्षेपण किया गया । इस वर्षगांठ कार्यक्रम में आरंभ में सद्गुरु डॉ.चारुदत्त पिंगळेजी के शुभ हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । सनातन पुरोहित पाठशाला के ब्रह्मवृंद ने वेदमंत्रपाठ किया । पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी के हस्तों हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात के अंक का लोकार्पण किया गया । तदुपरांत परात्पर गुरु डॉ.आठवलेजी द्वारा दिए गए आशीर्वादात्मक संदेश का वाचन किया गया ।

स्वामी सम्वित सोमगिरी महाराज

स्वामी सम्वित सोमगिरी महाराजजी ने कहा …

१. ईश्‍वरीय संकल्प, गुरु का कृपाशीर्वाद, जीवन की समिधा अर्पित कर निष्काम भाव से साधना करनेवाले साधक हैं,इसलिए यह कार्य निरंतर जारी है । यह कार्य ऐसा है कि श्रुति, युक्ति एवं अनुभूति, ये तीनों जो धर्माभास, भक्तिआभास, ज्ञानाभास हैं, उनपर जनकल्याण की दृष्टि से कार्य करता है । भारतीय सनातन संस्कृति का प्रकट रूप अर्थात सनातन प्रभात ।

२. सनातन प्रभात के कारण भारत का भविष्य सुरक्षित है ऐसा प्रतीत होता है । सनातन प्रभात संघर्षरत होने हेतु प्रोत्साहित करता है । सनातन प्रभात केवल बाह्य अंधकार नहीं, अपितु अंतःकरण का अंधकार भी दूर करता है । यह पत्रिका घर-घर पहुंचे, ऐसी मंगलमय प्रार्थना ।

पू.नीलेश सिंगबाळ

सनातन प्रभात के समाचारों के कारण हिन्दुत्वनिष्ठों को दिशा प्राप्त होकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन खडी हुई !-
पू.नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रसारक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज भारत में अनेक नियतकालिक हैं । केवल सनसनी खबरें फैलाना,जानकारी देना इतना ही अधिकांश नियतकालिकों का उद्देश्य होता है;परंतु सनातन प्रभात में छपकर आए समाचारों से हिन्दुत्वनिष्ठों ने दिशा लेकर अनेक राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर आंदोलन किए हैं । मंदिर सरकारीकरण कानून हो, हमारे ही देश में धर्मांधों के अत्याचारों से तंग आकर स्थलांतर करने हेतु विवश हुए हिन्दुआें पर हुए अत्याचारोंके विरुद्ध आवाज उठाना, विद्यालयीन पाठ्यक्रम में इतिहास का किया विकृतीकारण, ऐसे अनेक आघातों के संदर्भ में समिति ने पूरे देश में विविध आंदोलन किए हैं । इन आंदोलनों को वैचारिक बल की आपूर्ति करने का काम सनातन प्रभात कर रहा है।

 

हिन्दू समाज को आवश्यक जानकारी सनातन प्रभात से मिलती है !- पू. (अधिवक्ता)
हरि शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय

सनातन प्रभात समाज को हिन्दू धर्म,पूजापाठ पद्धतियों,समाज की त्रुटियों के विषय में निरंतर दिशा प्रदान करने का कार्य करता है । कोरोना संक्रमणकाल में भी पीडीएफ के माध्यम से मार्गदर्शन जारी ही था । दैनिक समाज का प्रतिबिंब होता है । उसे पढकर ही समाज विकसित होता है । हिन्दू समाज को आवश्यक जानकारी सनातन प्रभात दे रहा है ।

सनातन प्रभात में हिन्दू धर्म पर हो रहे आघात एवं उसपर उपाय भी
विस्तृत रूप से दिए जाते हैं !- अधिवक्ता उमेश शर्मा, सर्वोच्च न्यायालय, देहली

सनातन प्रभात नियतकालिक की विशेषता यह है कि इस नियतकालिक से हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति की जाती है । हिन्दू धर्म के विषय में अधिक जानकारी मिलने से हमारे धर्म की महानता ध्यान में आकर धर्माभिान बढने में सहायता होती है । हिन्दू धर्म पर हो रहे आघात एवं उसपर उपाय भी विस्तृत रूप से दिए जाते हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से ही यह कार्य हो रहा है । अनेक दिनों से मुझे सनातन प्रभात पढने का सौभाग्य मिल रहा है । मेरा सबसे आवाहन है कि सभी यह नियतकालिक पढें और सनातन संस्था के संपर्क में रहें ।

पू.(डॉ.)शिबनारायण सेन

जीव के आत्मचैतन्य को जागृत करने का सबसे महान कार्य नियतकालिक द्वारा किया जाता है – पू.(डॉ.) शिबनारायण सेन, संपादक, ट्रुथ

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा स्थापित किए गए नियतकालिक सनातन प्रभात की २१ वीं वर्षगांठ निमित्त बहुत-बहुत शुभकामनाएं । सनातन अर्थात नित्य नूतन । सनातन धर्म संवर्धन को कार्य करनेवाला, हिन्दुआें में शुद्ध क्षात्रतेज बढानेवाला अग्रगण्य नियतकालिक है । यह नियतकालिक धर्म पर होनेवाले आघातों का सामना प्रभावीरूप से करता है । अहंकार का त्याग करने से जीव का शिव हो जाता है। जीव के आत्मचैतन्य को जागृत करने का सबसे महान कार्य इस नियतकालिक द्वारा किया जाता है । मैं प्रार्थना करता हूं कि इस नियतकालिक के ध्येय के प्रति,उसके कार्य के प्रति हम अपनी भावनाएं प्रकट कर पाएं ।

सनातन प्रभात आनेवाले वर्ष २०२३ में भारत को हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने के
लिए निश्‍चित सफल होगा ! – ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लष्कर-ए-हिंद

सनातन प्रभात गत २१ वर्षों से ईश्‍वरीय राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयासरत है । संस्था के मेरे हिन्दू बंधु राष्ट्रीय भाषा में,हिन्दी भाषा में परात्पर गुरुदेवजी के विचार,भगवान श्रीकृष्ण का धर्मोपदेश संपूर्ण भारत में प्रसारित करने के लिए प्रयासरत हैं । मुझे पूरा विश्‍वास है कि सनातन प्रभात आनेवाले वर्ष २०२३ में भारत को हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने में निश्‍चित ही सफल होगा । जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् ।

सनातन प्रभात के पाठकों का मनोगत

१.श्री. विनोद सर्वोदय, गाजियाबाद – सनातन प्रभात में देश-विदेश के हिन्दुआें पर हो रहे अत्याचार हमें पता चलते हैं । इसके द्वारा समाज को जागृत करने के लिए दिशा मिलती है । सनातन प्रभात में दिए अध्यात्म संबंधी लेखों से भी प्रेरणा मिलती है । इससे हमारा मनोबल बढता है और चारित्र्य का उत्थान होता है । समाज में दृढता से विषय प्रस्तुत करने के लिए आध्यात्मिक बल अत्यंत आवश्यक है । सनातन प्रभात का कार्य अधिकाधिक वृद्धिंगत हो ।

२.देवांग भट्ट मुंबई – सनातन प्रभात के माध्यम से विशिष्ट प्रकार का ज्ञान प्राप्त कर रहा हूं । पाक्षिक सनातन प्रभात में दिए आध्यात्मिक एवं धार्मिक लेखों द्वारा मेरे जीवन में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में मुझे सहायता होती है ।

३.सुभाष आगलावे, छत्तीसगढ – जब से हमें स्वतत्रता प्राप्त हुई है, तब से हम देख रहे हैं कि राजनीतिक दलों ने मतों की लालसा के लिए विशिष्ट समुदाय का तुष्टीकरण कर हिन्दुआें को महत्त्व नहीं दिया । इसमें लाखों हिन्दुआें की मृत्यु भी हुई । दुर्भाग्य है कि किसी भी समाचार-पत्र ने ये घटनाएं सामने नहीं लाईं । कुछ ने प्रयास किया, परंतु वह पर्याप्त नहीं । परंतु जब से सनातन प्रभात आया है, तब से हिन्दुआें को दिशा प्राप्त हुई है । आइए, हम सभी सनातन प्रभात के साथ अग्रसर हो लें ।