गैस अथवा बिजली का उपयोग कर पकाए गए अन्न की अपेक्षा मिट्टी के चूल्हे पर पकाए अन्न से बडी मात्रा में सकारात्मक स्पंदन प्रक्षेपित होना !
कुछ वर्ष पहले सर्वप्रथम गोबर से भूमि लीपकर, चूल्हे का पूजन कर अग्नि में चावल की आहुति देने के उपरांत ही अन्न पकाने की प्रक्रिया आरंभ की जाती थी । उसके कारण इस अन्न की ओर देवताआें के स्पंदन आकर्षित होते थे । ऐसा अन्न ग्रहण करनेवाले जीवों को उसमें समाहित शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर भी लाभ मिलता था ।