शृंगारगौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर मुसलमानों का विरोध करने का प्रयास !

हिन्दुओं द्वारा विरोध को प्रत्युत्तर देने का प्रयास !

वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – न्यायालय के आदेश के अनुसार ६ मई को न्यायालय आयुक्तों द्वारा शृंगारगौरी मंदिर एवं ज्ञानवापी मस्जिद का चित्रीकरण और सर्वेक्षण किया गया । शुक्रवार होने के कारणे ज्ञानवापी मस्जिद में दोपहर बडी संख्या में मुसलमान नमाज पढने के लिए आए थे । दोपहर पश्चात वहां सर्वेक्षण के लिए न्यायालय आयुक्त, दोनों दलों के अधिवक्ता आए थे । तब काशी विश्वनाथ धाम के प्रवेश क्रमांक ४ के बाहर मुसलमानों ने उसका विरोध करने का प्रयत्न किया । इस समय हिन्दुओं द्वारा भी इस विरोध का उत्तर देने का प्रयास किया गया । इस समय दोंनो दलों के लोगों की वहां भीड थी । मुसलमानों द्वारा ‘अल्लाहू अकबर (अल्ला महान है), जबकि हिन्दुओं द्वारा ‘हर हर महादेव’ की घोषणाएं दी गई । इस समय पुलिस ने दोनों पक्षों को तितर-बितर किया । यहां पहले से ही पुलिस ने बडा बंदोबस्त रखा था । स्वयं पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश यहां ध्यान दे रहे थे । साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद के रास्ते से दिखने वाले भाग को परदे लगाकर ढंक दिया गया था ।

न्यायालय के आदेश से वर्तमान में इन स्थलों की स्थिति क्या है ?, इसकी जानकारी ली गई । इस समय भले ही कोई गिनती न की गई हो, फिर भी न्यायालय आयुक्त अजयकुमार मिश्र ने स्वयं जाकर वहां की स्थिति का निरीक्षण किया और उसका चित्रीकरण किया । उसका विवरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा ।

संपादकीय भूमिका

‘वाराणसी में हिन्दू और मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं’, ऐसा कहनेवालों के गाल पर तमाचा ! ‘न्यायालय के आदेश के अनुसार हो रहे चित्रीकरण का इस प्रकार विरोध क्यों किया गया ?’, इसका उत्तर निधर्मीवादियों को देना चाहिए ! न्यायालय के आदेश के विरोध में कृती करनेवाले क्या कभी मिल-जुलकर रह सकते हैं ?