फ्रांस में पादरियों द्वारा १० सहस्र बच्चों का शारीरिक शोषण करने का आरोप

कैथोलिक चर्च द्वारा स्थापित जांच समिति की ओर से उजागर हुए सत्य !

  • प्रत्यक्ष में पीडित बच्चों की संख्या कितनी गुना अधिक होने का समिति को संदेह
  • ऐसी घटनाओं के विषय में भारत के प्रसार माध्यम, आधुनिकतावादी, धर्मनिरेक्षवादी चुप बैठे रहते हैं, यह ध्यान दें !
  • प्रेम और शांति के पुजारी रूप में पादरियों का वासनांध स्वरूप ! ऐसे पादरी शांति और सहिष्णुता की बाते करते हैं, यह क्रोधित करने वाला है !

पेरिस (फ्रांस) – वर्ष १९५० से फ्रांसस में चर्च के पादरियों द्वारा किए गए शारीरिक शोषण में १० सहस्र बच्चे बलि चढे होंगे, ऐसी जानकारी नाबालिग बच्चों पर किए गए शारीरिक शोषण की जांच करने के लिए कैथोलिक चर्च द्वारा स्थापित की गई जांच समिती के प्रमुख जीन-मार्क सावे ने दी ।

१. सावे ने कहा कि, जून २०१९ में पीडित और इन अत्याचारों के साक्षरदार को उनकी शिकायत प्रविष्ट करने के लिए ‘हाटलाईन’ की स्थापना की गई थी । इसके द्वारा पहले १७ माह में ही ६ सहस्र ५०० फोन आए । हमारे लिए बडा प्रश्न यह है कि, जिन पर अत्याचार हुए हैं उनमें से कितने पीडित आगे आए हैं ? वे २५ प्रतिशत है कि १० या ५ प्रतिशत या उससे कम ?

२. बडे पैमाने पर और बारबार होने वाले बाल अत्याचारों की घटनाओं की जांच के लिए नवंबर २०१८ में फ्रांस के बिशप्स कान्फ्रेंस ने जांच समिति की स्थापना करने में सहमति दिखाई थी । कानून, शिक्षा क्षेत्र और वैद्यकीय पृष्ठभूमि के २० से अधिक विशेषज्ञों से सम्मिलित इस समिति की रिपोर्ट २०२० के अंत तक आने वाली थी; लेकिन इस वर्ष सितंबर तक समिति का समय बढाया गया है ।