व्‍यापारियोें द्वारा बिना प्रमाणित वजन का उपयोग कर ग्राहकों के साथ छल करने पर ‘वजन-माप कानून 2009’ के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही के प्रबंध एवं ग्राहकों का अधिकार !

1. वस्‍तु क्रय करते समय ग्राहकों के साथ होनेवाला छल

1. अ. बाजार से कपडे, धान्‍य, खाने का तेल ईत्‍यादि क्रय करते समय व्‍यापारियों द्वारा प्रमाणित वजन का उपयोग न होना : ‘सभी लोग अपने परिवार स्‍वयं के लिए बाजार से कपडे, धान्‍य तथा तेल उदा. नारियल तेल, बदाम तेल, पेट्रोल एवं अन्‍य वस्‍तुएं क्रय करते हैं । कभी हम थैली में बंद पदार्थ क्रय करते हैं अथवा कभी खुली सामग्री लेते हैं । यदि हमने किसी किराना दुकानदार से १ किलो खुला चावल क्रय किया, तो ‘क्‍या उसका वजन निश्‍चित रूप से १ किलो ही है ?’ अथवा दुकानदार ने जिस वजन का उपयोग किया, वह प्रमाणित है अथवा नहीं इसकी निश्‍चिति कैसे करेंगे ? मान लें, कि दुकानदार द्वारा प्रयुक्‍त वजन १ किलो नहीं, अपितु 900 ग्राम का ही है, तो प्रमाणित वजन का उपयोग न कर दुकानदार हमारे साथ छल करता है ।

अधिवक्‍ता हिंदुराव ज्ञानदेव साळुंखे,

1 आ. उत्‍पादक द्वारा सीलबंद थैली में अल्‍प वजन का पदार्थ भर कर धोखा देना : बाजार से हमने 1 किलो मूंगफली के तेल की सीलबंद थैली क्रय की एवं घर आने पर मूंगफली तेल का वजन करने पर वह केवल 900 ग्राम निकला । अर्थात उत्‍पादक ने 100 ग्राम अल्‍प तेल देकर निश्‍चित रूप से हमें फंसाया ।

1 इ. औषधि, सौंदर्य प्रसाधन इत्‍यादि ‘सील’ बंद उत्‍पादनों का वजन भी अल्‍प होना : बाजार से हम औषधि, सौंदर्य प्रसाधन तथा अन्‍य ‘बंद’ पदार्थ अथवा वस्‍तुएं क्रय करते हैं । मान लें कि हमने बाजार से 100 ग्राम वजन का ‘टूथपेस्‍ट’ क्रय किया, उसमें से सब ‘पेस्‍ट’ बाहर निकाल कर उसका वजन किया एवं पेस्‍ट का वजन केवल 80 ग्राम ही पाया गया, तो यहां भी ‘छल किया गया है’, ऐसा कहना पडेगा । इस प्रकार छल करने पर किसके पास परिवाद करें एवं किससे न्‍याय मांगें ?

2. यदि व्‍यापारी अथवा उत्‍पादकों द्वारा ग्राहकों के साथ छल किया जा रहा है, तो ‘वजन माप कानून 2009’ के अनुसार संबंधित लोगों पर कार्यवाही करना संभव !

जब हम कोई वस्‍तु क्रय कर पैसे के रूप में उसका प्रतिफल देते हैं, तो उस समय हमें योग्‍य वस्‍तु मिलनी चाहिए । उसी प्रकार वस्‍तु विक्रय करते समय प्रयुक्‍त किए जानेवाले वजन एवं माप सरकारी तंत्र की ओर से प्रमाणित होने चाहिए । व्‍यापारी अथवा उत्‍पादकों द्वारा ग्राहकों के सा
थ छल किया जा रहा है, तो ऐसे प्रकरण में
‘वजन माप कानून 2009 (लिगल मेट्रोलोजी एक्‍ट 2009) के अनुसार संबंधित लोगों पर कार्यवाही कर सकते हैं ।

3 ‘वजन माप कानून 2009 (लिगल मेट्रोलोजी एक्‍ट 2009) के अंतर्गत रहनेवाले अधिकार

अ. उद्योग एवं व्‍यापार के संबंध में उपयोग में लाए जानेवाले सभी वजन तथा मापों के मानक (स्‍टैंडर्ड) सिद्ध कर उनके उत्‍पादन एवं व्‍यापार पर नियंत्रण रखना

आ. ऐसे वजन एवं माप प्रयुक्‍त कर किए जानेवाली सभी वस्‍तुओं के व्‍यापार पर नियंत्रण रखना
इ. इसके अतिरिक्‍त इस कानून से उत्‍पन्‍न होनेवाली सभी बातों पर नियंत्रण रखना

4. ‘वजन-माप विभाग’ के संचालक, नियंत्रक एवं वजन-माप अधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्‍य

‘वजन-माप विभाग’ के संचालक, नियंत्रक एवं वजन-माप अधिकारी इन तीनों अधिकारियों को किसी स्‍थान पर गुनाह होने की जानकारी मिले अथवा वैसी आशंका निर्माण हो, तो वे वहां प्रवेश कर उस स्‍थान की जानकारी लेना तथा कागदपत्रों की छान-बीन करना इत्‍यादि कृति वे कर सकते हैं । उसी प्रकार वहां के आपत्तिजनक माप, कागदपत्र इत्‍यादि वस्‍तुएं नियंत्रण में ले सकते हैं ।

5. उत्‍पादकों द्वारा उनकी सभी सीलबंद वस्‍तुओं पर आवश्‍यक जानकारी छापना एवं जानकारी के अनुसार वे वस्‍तुएं न पाई जाएं, तो कानूनी कार्यवाही की संभावना रहना

उत्‍पादकों को उनकी सभी सीलबंद वस्‍तुओं पर उस ‘सील’ में कितने वजन अथवा माप का ‘सील’ किया है यह छापना आवश्‍यक है । उसी प्रकार उस पर उत्‍पादक का नाम, पता, बैच नं. ‘पैकिंग’ का दिनांक, वजन तथा अंतिम अवधि इत्‍यादि जानकारी छापना भी बंधनकारी है । छपे लेख के समान ही प्रत्‍येक ‘पैक’ में वस्‍तु रहनी चाहिए अन्‍यथा ऐसे उत्‍पादक विक्रेता पर कानूनी कार्यवाही होने की संभावना है ।

6. कानून में स्‍थित विविध प्रकार के अपराध एवं उन अपराधों के लिए होनेवाले दंड

अ. यदि क्रय एवं विक्रय करते समय विक्रेता नियोजित वजन की अपेक्षा अल्‍प वजन की वस्‍तु खरीदार को देता है अथवा अधिक वजन की वस्‍तु को स्‍वीकार करता है, तो ऐसे प्रसंग में उत्तरदायी विक्रेता एवं खरीदार को पहले अपराध के लिए 10 हजार रुपए का दंड, दूसरे के लिए 1 वर्ष की कैद अथवा दंड अथवा दोनों ही दंड दिए जा सकते हैं ।

आ. बिना प्रमाणित वजन अथवा माप प्रयुक्‍त कर वस्‍तुओं का विक्रय किए जाने पर प्रथम गुनाह अपराध के समय 2000 रुपए दंड एवं दूसरे गुनाह के लिए 3 महीने से १ वर्ष कैद अथवा दंड अथवा दोनों ही हो सकते हैं ।

बिना परवाना वजन एवं माप का उत्‍पादन करनेवाले व्‍यक्‍ति को प्रथम अपराध के लिए 20 सहस्र रुपए दंड, दूसरे अपराध के लिए १ वर्ष का दंड अथवा दोनों दंड हो सकते हैं ।

7. धोखा होने पर कहां और कैसे परिवाद करें ?

7 अ. जिला अथवा विभागीय अधिकारी के पास लिखित विवाद करना : परेल तथा मुंबई में विवादों की जांच होती है । प्रत्‍येक जिले में जिला स्‍तर पर वजन-एवं माप अधिकारी का कार्यालय होता है । यदि ग्राहक को स्‍वयं के साथ छल किए जाने के संदर्भ में परिवाद करना है, तो वे क्रय की गई वस्‍तु के साथ संबंधित जिला अथवा विभागीय अधिकारी के पास लिखित परिवाद कर सकते हैं । उनका पता जानने के लिए आगे दिए पते पर संपर्क करें ।

नियंत्रक -वजन-माप कार्यालय, सी.एस.क्रमांक 4, 269, डॉ.एस.एस.राव रस्‍ता, परेल, मुंबई-400012 है । इस कार्यालय का दूरभाष क्रमांक- 022-24171352

( संकेत स्‍थल लिंक : https://consumeraffairs.nic.in/forms/contentpage.aspx?lid=639)

7 आ. विवाद की संपूर्ण निश्‍चिति कर अधिकारी को विवाद का स्‍वरूप समझाकर बताना : परिवाद करने से पूर्व उसकी संपूर्ण निश्‍चिति करें । जिस विक्रेता अथवा उत्‍पादक के विरुद्ध परिवाद किया होगा, उसका पूर्ण पता, देयक क्रमांक (बिल नं.) तथा दिनांक, परिवाद में यह सब जानकारी होनी चाहिए । संभवतः प्रत्‍यक्ष रूप से उपस्‍थित रह कर संबंधित विभाग के उच्‍च अधिकारी को विवाद का स्‍वरूप समझाकर बताएं ।

7 इ. विवाद करते समय आवश्‍यक सभी जानकारी की पूर्ति करना : परिवाद करते समय हमें, विक्रेता ने ‘हमारे साथ किस प्रकार छल किया ? किस प्रकार का व्‍यवहार किया गया था ? कितने पैसे दिए थे ? क्‍या उसका देयक मिला था ? कितने वजन की वस्‍तु मिली थी ?’, इत्‍यादि बातों का वर्णन करना चाहिए । यदि कोई गवाह है तो उसका जवाब अथवा पत्र तथा उसके साथ देयक की प्रति (जेरॉक्‍स) दें । जांच अधिकारी के आने पर उन्‍हें मूल देयक दिखाएं । संबंधित अधिकारी को परिवाद करने पर ‘इस परिवाद की जांच के समय मैं ‘पंच’ के रूप में उपस्‍थित रह कर विक्रेता को गुनाह करते हुए रंगे हाथ पकड सकता हूं’, निश्‍चित रूप से ऐसा बताएं ।

7 ई. पश्‍चात परिवाद की जांच आरंभ होने पर आवश्‍यक सभी सहयोग दें ।

अपने यथार्थ परिवाद से कोई अपराधी उत्‍पादक, व्‍यापारी अथवा विक्रेता के विरुद्व कानूनी कार्यवाही हुई, तो वास्‍तव में वह देशसेवा एवं समाजसेवा है ।

-अधिवक्‍ता हिंदुराव ज्ञानदेव साळुंखे, ठाणे, महाराष्‍ट्र. (7.2.2019)

सुराज्‍य अभियान आवाहन

यदि आपको अन्‍नपदार्थ में मिलावट के संदर्भ में कुछ अनुभव हुआ है अथवा आपने इसके विरुद्ध कुछ कार्यवाही की है अथवा करना चाहते हैं, तो आगे दिए पते पर हमें सूचित करें ।
अधिवक्‍ता नीलेश सांगोलकर,

पता : ‘सुराज्‍य अभियान’, द्वारा सनातन आश्रम, रामनाथी, फोंडा, गोवा.401403

संपर्क क्रमांक : 9595984844

इ-मेल पत्ता : [email protected]