लिव-इन रिलेशनशिप में सहमति से शारीरिक संबंध रखने पर उसे बलात्कार नहीं कह सकते !- उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोडे का सहमति से शारीरिक संबंध रखने पर उसे बलात्कार नहीं कहा जाएगा, ऐसा एक मुकदमे की सुनवाई के समय स्पष्ट किया गया ।

१. न्यायालय ने कहा कि, लंबे समय से दोनों के बीच रिश्ते का संबंध होगा और उसमें पुरूष या महिला विवाह के वादे को पालन नहीं करते होंगे, तब बलात्कार के आरोप को मान्य नहीं किया जाएगा ।

२. काल सेंटर में काम करने वाला एक जोडा ५ वर्षों से लिव-इन में रह रहा था । बाद में पुरूष ने दूसरी युवती से विवाह किया । इस पर लिव-इन में रहने वाली युवती ने विवाह का वादा कर शारीरिक शोषण करने का आरोप युवक पर लगाया था ।