(कहते हैं) ‘परिवर्तन पसंद के अनुसार चालू होता है !’ – दीया मिर्जा का विधान
कन्यादान करने वाले व्यक्ति के पीछे की १२ पीढियां, आगे की १२ पीढी और स्वयं की १ पीढी का उद्धार होता है, ऐसा धर्मशास्त्र कहता है । विवाह के समय दूल्हे का लक्ष्मीनारायण के रुप में पूजन किया जाता है और वैसा भाव रखकर सभी विधियां करने पर उसका सभी को आध्यात्मिक स्तर पर लाभ होता है; लेकिन प्रगतिशीलता को बढावा देने के लिए ऐसी परंपराओं को छोड कर उनका समर्थन करने की होड लगी है । हिंदुओं को इससे सावधान रहना चाहिए !
मुंबई – प्रसिद्ध अभिनेत्री दीया मिर्जा ने उद्योगपति वैभव रेखी से १५ फरवरी के दिन हिंदू पद्धति से विवाह किया । यह उनका दूसरा विवाह है ।
Love is a full-circle that we call home. And what a miracle it is to hear its knock, open the door and be found by it. May all puzzles find their missing pieces, may all hearts heal and may the miracle of love continue to unfold all around us ❤️🙏🏻 pic.twitter.com/4a19ffyz48
— Dia Mirza (@deespeak) February 16, 2021
"We do hope with all our heart that many more couples make this choice," @deespeak wrote in a long posthttps://t.co/3G62FQmabz
— @zoomtv (@ZoomTV) February 18, 2021
विवाह का पौरोहित्य शीला अट्टा नामक महिला पुरोहित ने किया । इस समय कन्यादान भी नहीं किया गया । इस विषय पर दीया मिर्जा ने ट्वीट कर कहा, ‘परिवर्तन पसंद के अनुसार चालू होता है । महिआओं का स्वयं के लिए स्वयं नियम बनाने का यह समय है ।’