(कहते हैं) ‘ देश आपातकाल की ओर बढ रहा है !’

  • ‘क्रिमिनलायजिंग जर्नालिजम एण्ड सिनेमा’ इस विषय पर वेब संवाद पर विशेषज्ञों का स्वर

  • मूलभूत अधिकारों का रक्षण करने में न्याय व्यवस्था विफल होने का विधान !


मुंबई – देश में अभी आपातकाल नहीं है, फिर भी बहुमत के जोर पर अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का गला घोटा जा रहा है । कानून और अधिकार का भी दुरूपयोग किया जा रहा है । बहुमत के विरोध में आवाज उठाने वालों पर गुनाह दर्ज कर उन्हें देश द्रोही बताया जा रहा है । देश की न्याय व्यवस्था भी अभिव्यक्ति और माध्यमों के स्वातंत्र्य के साथ आंदोलन करने की स्वतंत्रता, सर्जनशीलता की स्वतंत्रता की रक्षा करने में विफल होना ,यह चिंता की बात है, ऐसा मत ज्येष्ठ पत्रकार एन.राम और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने ६ फरवरी के दिन व्यक्त किया । (देश में अनेक वर्षों से कांग्रेस की सत्ता रहते समय आज से अधिक भयानक परिस्थिति थी । उस समय इन विशेषज्ञों ने ऐसा सूर क्यों नही निकाला ? तब यह विशेषज्ञ चुप क्यों बैठे थे ? – संपादक) ‘क्रिमिनलायजिंग जर्नालिजम एण्ड सिनेमा’ इस विषय पर आयोजित वेब संवाद में राम और सिब्बल ने देश की वर्तमान स्थिति, न्याय व्यवस्था की भूमिका ,इस विषय पर अपना मत व्यक्त किया । पटकथा लेखक ज्योति कपूर ,ये भी इस वेब संवाद में सहभागी हुई थीं ।

आपातकाल को हमने नजदीक से अनुभव किया है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध कैसा होता है, यह हमने देखा है । वर्तमान स्थिति वैसी नही है; परंतु जिस प्रकार बहुमतवाद के विरोध में बोलने वाले पत्रकार और रचनात्मकता को निशाना बनाया जा रहा है, उनके ऊपर गुनाह दर्ज किया जा रहे हैं, यह देखते हुए मूलभूत अधिकारों के कानून में गलतियां उजागर होती हैं । मूलभूत अधिकारों के रक्षण करने के विषय में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए निर्णय में होने वाली नियमितता का अ,भाव इस स्थिति का कारण है, ऐसा राम ने कहा ।

( सौजन्य : LIVE LAW )

पटकथा लेखक ज्योति कपूर ने कहा, ‘‘फिल्म की कहानी लिखते समय इससे पहले भी प्रतिबंध था; लेकिन ‘तांडव’, इस वेब सिरीज पर विवाद के बाद निर्मिति, संस्था की ओर से पटकथा लिखने के विषय में अनुबंध में नया नियम समाविष्ट किया गया है । इस नियम के कारण पटकथा लेखक बहुत अधिक दबाव और भय में हैं ।’’ (हिंदु धर्म के खरे बैरी हिंदु ही हैं ! ‘तांडव’, इस वेब सिरीज में भगवान शिव और भगवान श्रीराम के विषय में आक्षेपार्ह संवाद दिखाकर उनका अपमान और विडंबना की गई है । इस कारण इस वेब सिरीज का सभी ओर विरोध किया जा रहा है । यदि पटकथा लेखक और लेखक इतने ही भावुक होते हैं, तो ज्योति कपूर इस हिंदु विरोधी पटकथा लेखक को हिंदूओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किए बिना लिखने की सलाह क्यों नही देते ? – संपादक)