किसानों ने ही अपनी हत्या की साजिश रची गई थी, यह स्वीकृति देने को कहा था !

दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसान नेताओं की हत्या की साजिश रची गई है ! यह दावा एक संदिग्ध आरोपी ने किया

  • इससे जनता को लगेगा कि किसान सरकार को और सरकार किसानों को आरोपियों के पिंजरे में खडे करने की का प्रयास कर रहे हैं !
  • किसान आंदोलन में भारत-खालिस्तान विरोधी तत्व भाग ले रहे हैं । इसलिए, यह पता लगाना आवश्यक है कि क्या सरकार की छवि एवं उससे भी अधिक, देश की अपकीर्ति करने के लिए इस तरह का षडयंत्र किया गया था ।
आंदोलन स्थल से गिरफ्तार किया गया संदिग्ध

नई दिल्ली : पिछले दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन में चार किसान नेताओं की हत्या के प्रयास के मामले में एक संदिग्ध को २२ जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया था । संदिग्ध का एक वीडियो ऐसे समय में सामने आया है, जब सरकार के विरुद्ध किसानों की कडी प्रतिक्रिया और आंदोलन की संभावना है, जिसमें वह दावा करते हुए दिखाई दे रहा है कि, ” किसानों ने ही मुझे यह कहने के लिए विवश किया कि, ‘मैं उन्हें मारने आया था’ ।”

१.  २६ जनवरी को किसानों द्वारा एक ट्रैक्टर मोर्चे का आयोजन किया जाएगा । संदिग्ध ने कहा है  कि, ‘इस प्रदर्शन को बाधित करने के लिए किसान नेताओं की हत्या की साजिश रची गई है ।’ इस संदिग्ध का नाम योगश है । वह इस नए वीडियो में कह रहा है, ‘मैं जो कह रहा हूं, वह बोलने के लिए  किसानों ने मुझे कहा है ।’  इस वीडियो की सत्यता का सत्यापन नहीं किया गया है ।

२.  यह बताते हुए कि कैसे साजिश रची गई, योगेश ने कहा कि, ‘हमारे दो समूह यह करने के लिए बनाए गए थे । हम १९ जनवरी से प्रदर्शन स्थल पर हैं । मुझे यह पता लगाने का काम दिया गया था  कि “क्या किसान अपने साथ हथियार रखते हैं ?” इन किसानों को २६ जनवरी को रोका जाएगा । फिर भी किसान नहीं रुके तो उन पर गोलीबारी करने का आदेश दिया गया था । दूसरी ओर, १०  लोगों का एक समूह है जो किसानों के मोर्चे में सम्मिलित होगा और पीछे से गोलीबारी करेगा, ताकि प्रदर्शनकारी दहशत में बिखर जाएं । उसी के साथ  उन ४ लोगों को गोली मारने की योजना है, जो उस समय व्यास पीठ पर होंगे । उन्हें उनके छायाचित्र दिए गए थे । हमें जिसने यह बताया वह पुलिस है, उसका नाम प्रदीप सिंह है । वह राई थाने में कार्यरत है । वह हमेशा अपने चेहरे को ढककर ही हम से मिलने आता था ।