हिंदू विवाह कानून से समलैंगिक विवाह को भी मान्यता देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका

केंद्र सरकार को नाटिस

भारतीय संविधान द्वारा *हिंदू विवाह कानून बनाने पर भी, हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार इस प्रकार के विवाह को मान्यता नहीं है । इस कारण से न्यायालय को इसका विरोध करना चाहिए, ऐसा धर्म प्रेमी हिंदुओं को लगता है !

नई दिल्ली – हिंदू विवाह कानून से देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग करने की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में प्रविष्ट करने पर भी न्यायालय ने केंद्र सरकार और संबंधित पक्षों से इस पर उत्तर मांगा है । इसके लिए ४ सप्ताह का समय दिया गया है।अभिजीत अय्यर मित्रा ने यह याचिका प्रविष्ट की है । ‘हिंदू विवाह कानून में केवल हिंदू पुरूष और महिला में ही विवाह होना चाहिए, ऐसा कोई प्रावधान नही है, ऐसा तर्क उन्होने याचिका में दिया है ।