वस्तुओं का ऑनलाइन विक्रय करनेवाले जालस्थल ‘पाप धोनेवाले जिसस सोप’ का विक्रय कर रहे हैं !

  • हिन्दुओं ने यदि ऐसा दावा करके किसी साबुन की बिक्री कि होती, तो तत्काल उन पर अंधविश्वास निर्माण करने का अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया गया होता; किंतु विदेशों में ऐसा कुछ नहीं होता ! इसे ‘आधुनिकता’ कहा जाता है, यह ध्यान में रखें !
  • इसी साबुन का इस्तेमाल कर, ‘हम पाप से मुक्त हैं’ चर्च के कामांध पादरियों द्वारा ऐसा कहने पर वेटिकन सिटी क्या यह मान लेगी? कल चर्च में जाकर पाप स्वीकार (कन्फेशन)करनेवाले ऐसा करने की अपेक्षा इसी साबुन से स्नान करने लगें, तो क्या पोप इसे मान लेंगे ?, ऐसे प्रश्न उपस्थित होते हैं !


नई देहली – तन की मैल निकालने के लिए प्रतिदिन स्नान करते समय साबुन का प्रयोग किया जाता है; किंतु अब ईसाईयों द्वारा पाप धोनेवाले साबुन का निर्माण किया गया है । ऑनलाइन पर ‘जिस सोप’ के नाम से इस साबुन को भारत छोड अन्य देशों में बेचा जा रहा है, इस साबुन पर ईसामसीह की छवि है । इस साबुन की विशेषताएं बताते हुए अनेक स्थानों पर ‘पापियों के लिए विशेष उपहार’ लिखा हुआ है । ‘पूरे दिन हम चाहे जितने बुरे कर्म करें, रात में इस साबुन से अपने पाप धो सकते हैं’ ऐसा भी लिखा गया है ।