यह पद का नहीं, अपितु देश का प्रश्न है ! – कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल

कांग्रेस में आंतरिक कलह !

कांग्रेसवालों को पद की अपेक्षा देश कब से महत्त्वपूर्ण लगने लगा ? यदि उन्हें वास्तव में ऐसा लगने लगा है, तो क्या ऐसा समझें कि देश के अच्छे दिन आए हैं ?

नई देहली : यह किसी पद का प्रश्न नहीं है । यह मेरे देश का प्रश्न है, जो सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है । कांग्रेस के नेता अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने ऐसा ट्वीट किया है । कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक के पश्चात सिब्बल ने अपने ट्विटर खाते पर अंकित ‘कांग्रेस’ नाम को भी हटा दिया है । राहुल गांधी द्वारा ‘सोनिया गांधी को पत्र लिखनेवाले नेता भाजपा से मिले हुए हैं’ यह आरोप लगाने के पश्चात सिब्बल ने ट्वीट कर इस आरोप का खंडन किया था । इस संदर्भ में राहुल गांधी से उनकी बात होने के पश्चात उन्होंने अपना ट्वीट हटा दिया था; परंतु अब उनके द्वारा पुनः इस संदर्भ में ट्वीट किए जाने से कांग्रेस में आंतरिक कलह चलते दिखाई देता है ।

सोनिया और राहुल गांधी दल के नेताओं से मिलने लगें, तो ५० प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाएगा !- कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री

कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री

सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेता दल के अन्य नेताओं से मिलने लगें, तो ५० प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाएगा । कांग्रेस के नेता तथा स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री को छोटे पुत्र अनिल शास्त्री ने ऐसा प्रतिपादित किया है । २४ अगस्त को संपन्न कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक के पश्चात उन्होंने यह वक्तव्य दिया है । इस बैठक में सोनिया गांधी से दल के २३ वरिष्ठ नेताओं नेतृत्व में बदलाव करने के सूत्र पर चर्चा की; परंतु अंततः सोनिया गांधी ही पूरे वर्ष तात्कालिक अध्यक्ष रहेंगी । कोरोना की स्थिति में सुधार आने के पश्चात कांग्रेस कार्यकारिणी समिति का अधिवेशन आयोजित जाएगा, जिसमें नए अध्यक्ष का चयन होगा ।

१. अनिल शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ कमियां हैं । सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि दल के नेताओं में बैठकें नहीं होतीं । जब राज्य के नेता देहली आते हैं, तो उनके लिए दल के वरिष्ठ नेताओं से मिलना सरल नहीं होता ।

२. कांग्रेस से निलंबित हुए नेता संजय झा ने ट्वीट कर कहा है, ‘यह अंत का आरंभ है ।’ कुछ दिन पूर्व संजय झा ने कहा था कि कांग्रेस के १०० से अधिक नेताओं ने नेतृत्व में बदलाव करने के संबंध में सोनिया गांधी को पत्र लिखा है । तब कांग्रेस ने उनका दावा अस्वीकार कर दिया था; परंतु उसके पश्चात २३ नेताओं द्वारा पत्र लिखने की बात सामने आई । (इससे अपने ही दल के नेताओं को झूठा प्रमाणित करनेवाली कांग्रेस जनता के साथ कितना झूठ बोलती होगी, यह बात ध्यान में आती है ! – संपादक)