भारत के सैनिक क्‍या कर सकते हैं ?, यह संपूर्ण संसार ने लद्दाख में देखा है ! – प्रधानमंत्री

नई देहली – स्‍वतंत्रतादिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता की रक्षा करना हमारे लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है । संपूर्ण संसार ने लद्दाख में देखा है कि भारत के सैनिक क्‍या कर सकते हैं ?’’ वे आगे बोले, ‘‘नियंत्रण रेखा’ (‘एल.ओ.सी’) से प्रत्‍यक्ष नियंत्रण रेखा’ पर जिस किसी ने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी है, उन्‍हें उसी भाषा में प्रत्‍युत्तर मिला है । भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरे देश में जोश है । आतंकवाद हो अथवा विस्‍तारवाद, भारत दृढता से उसका सामना कर रहा है । शांति और सौहार्द्र के लिए भारत के जितने प्रयत्न हैं, उतना ही अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं । संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में १८४ देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में हमारे दावे का समर्थन किया है । देश सुदृढ और आत्‍मनिर्भर होगा, तब ही वह संभव होता है । संसार को भारत से अपेक्षाएं हैं ।’’

प्रधानमंत्री द्वारा ‘नेशनल डिजिटल हेल्‍थ मिशन’ की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रतादिवस पर ‘नेशनल डिजिटल हेल्‍थ मिशन’ इस उपक्रम की घोषणा की है । इसमें प्रत्‍येक भारतीय को ‘स्‍वास्‍थ्‍य क्रमांक’ (हेल्‍थ आईडी) दिया जानेवाला है । इस अभियान के अंतर्गत प्रत्‍येक नागरिक का निजि चिकित्‍सा ब्‍यौरा रहेगा । इसमें व्‍यक्‍ति की बीमारी, उसके किए हुए चिकित्‍सकीय परीक्षण, उसे किस डॉक्‍टर ने कौन-सी औषधि दी है ?, कब दी है ?, उसका ब्‍यौरा क्‍या था ? आदि सर्व जानकारी इस एक ही ‘स्‍वास्‍थ्‍य क्रमांक’ में रहेगी । इस अभियान के अंतर्गत व्‍यक्‍तिगत चिकित्‍सकीय जानकारी, परीक्षण केंद्र, चिकित्‍सा संस्‍था और राज्‍य चिकित्‍सा परिषद को डिजिटल बनाने की योजना है । इससे देश के किसी भी क्षेत्र के नागरिक को किसी भी स्‍थान के स्‍वास्‍थ्‍य चिकित्‍सा केंद्र की जानकारी मिलना संभव होगा । ‘नेशनल डिजिटल हेल्‍थ मिशन’ भारत के स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा’, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्‍यक्‍त किया ।

‘नेशनल डिजिटल हेल्‍थ मिशन’ के प्रमुुख सूत्र

१. सभी डॉक्‍टरों की जानकारी सहित संपूर्ण देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाआें की जानकारी एक ही ‘ऍप’ पर उपलब्‍ध होगी ।
२. यह ‘ऍप डाउनलोड’ कर उस पर पहले स्‍वयं की प्रविष्‍टी करनी पडेगी । उसके उपरांत एक ‘स्‍वास्‍थ्‍य क्रमांक’ (हेल्‍थ आईडी) मिलेगा ।
३. इसके द्वारा होनेवाले उपचार और परीक्षणों की संपूर्ण जानकारी डिजिटल स्‍तर पर संरक्षित करनी होेगी, जिससे उसकी प्रविष्‍टियां रखना संभव होगा ।
४. जब कोई रोगी किसी भी चिकित्‍सालय अथवा डॉक्‍टर के पास उपचार लेने जाएगा, तब उसे स्‍वयं के सभी कागदपत्र अथवा परीक्षण ब्‍यौरा साथ ले जाने की आवश्‍यकता नहीं होेगी ।
५. रोगी के स्‍वास्‍थ्‍य क्रमांक से डॉक्‍टर कहीं से भी रोगी के सभी चिकित्‍सकीय परीक्षणों के ब्‍यौरे देख सकेंगे ।

प्रधानमंत्री द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ के उपरांत अब ‘मेक फॉर वर्ल्‍ड’ का नारा प्रधानमंत्री मोदी आगे बोले,

‘‘भारत आत्‍मनिर्भर बनकर दिखाएगा । एक समय था, जिस समय कृषिव्‍यवस्‍था अत्‍यधिक विकट स्‍थिति में थी । तब देशवासियों का पेट कैसे भरेगा ?, इसकी चिंता थी; परंतु आज हम केवल भारत में ही नहीं, अपितु संसार के अनेक देशों को पेट भर सकते हैं । देश में कोरोना से पहले ‘एन ९५’ मास्‍क, ‘वेंटिलेटर’, ‘पीपीई किट’ नहीं बनते थे; परंतु हमने वह कर दिखाया है । आज हम ये वस्‍तुएं निर्यात भी करने लगे हैं । आज संसार की अनेक बडी कंपनियां भारत में आ रही हैं । इसलिए अब हमें ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में उत्‍पादन करें) के साथ ही ‘मेक फॉर वर्ल्‍ड’ (संसार के लिए उत्‍पादन करें) इस मंत्र के साथ आगे जाना है ।’’