- हिन्दुआें की धार्मिक भावना आहत करनेवाले चलचित्र पर केंद्रीय परिनिरीक्षण मंडल प्रमाणपत्र देते ही क्यों हैं ? भाजपा सरकार इस पर ध्यान दे और हिन्दुआें की धार्मिक भावना न दुखे, सरकार से धर्मप्रेमी हिन्दुआेेंं की ऐसी अपेक्षा!
- हिन्दुआें के श्रद्धास्रोतों की हो रही विडंबना के लिए संबंधित लोगों पर कारवाई की मांग क्यों करनी पडती है ? सरकारी तंत्रों को यह स्वयं करना अपेक्षित है !
नई देहली – हिन्दी चित्रपट ‘सडक २’ का ‘ट्रेलर’ (झलक) अभी प्रसारित हुआ । उसे देख विश्व हिन्दू परिषद ने कहा, वह हिन्दूविरोधी है ऐर उससे हिन्दुआें की धार्मिक भावना आहत हुई है । और ‘इस चलचित्र के प्रदर्शन से पूर्व इस पर कारवाई होनी चाहिए’, केंद्र सरकार से ऐसी मांग की है । यह चलचित्र ‘ऑनलाईन’ प्रसारित होना है ।
विहिंप के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने ट्वीट कर इस चलचित्र के ट्रेलर का विरोध किया और इस चलचित्र में परिवारवाद का भी समर्थन किया गया है, इसलिए इस चलचित्र पर कारवाई करने की मांग की ।
चलचित्र के ‘ट्रेलर’ में संत-महंतों का अनादर !इस ट्रेलर में चलचित्र की नायिका ‘फेक गुरु के कारण मेराजीवन व्यर्थ हुआ’, ऐसा बोलती हुई दिख रही है तथा चलचित्र के खलनायक को एक साधु वेश में अत्याचारी बाबा के रूप में दिखाया गया है । ‘चलचित्र में हिन्दुआें के संत-महंतों को खलनायक के रूप में दिखाया गया है ? कभी पादरी अथवा मौलवी को खलनायक के रूप में नहीं दिखाया जाता’, हिन्दुआें ने ऐसा प्रश्न किया है । |
महेश भट्ट के निर्देशन बनी फिल्म सड़क सड़क में एक बार फिर हिन्दू आस्था को अपमानित किया गया है जिसे हाटस्टार में दिखाया जाएगा,फिल्म केवल नेपोटिज्म के प्रोडक्ट्स भरे पड़े हैं, जिन्हें महेश भट्ट आगे बढ़ा रहे हैं। केन्द्र सरकार इस पर कार्यवाही करे।
— Vijay Shankar Tiwari (@VijayVst0502) August 12, 2020