साधकों को नामजपादि उपचार रूपी आध्यात्मिक संजीवनी देनेवाले पूज्य (डॉ.) मुकुल गाडगीळजी सद्गुरु पद पर विराजमान !

सद्गुरुपद पर विराजमान होने की वार्ता सुनकर आनंद हुआ । श्रीसत्शक्ति श्रीमती बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति श्रीमती अंजली गाडगीळजी समान मेरी भी हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए कार्य करने की इच्छा है । मैं प्रार्थना करता हूं कि ‘ईश्‍वर मुझसे वैसे प्रयत्न करवाकर लें ।’

ग्रंथमाला ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना’

गुरुकृपायोग की महिमा गुरुकृपा के माध्यम से जीव को ईश्‍वरप्राप्ति होना, इसे ‘गुरुकृपायोग’ कहते हैं । इस ग्रंथ में ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना’ के सिद्धांत, चरण इत्यादि की अभिनव जानकारी दी गई है ।

श्रीचित्‌शक्‍ति श्रीमती अंजली गाडगीळजी का अमूल्‍य विचारधन !

सनातन संस्था के माध्यम से गुरुकृपायोग के अनुसार अष्टांग साधना करनेवाले प्रत्येक साधक का जीवन एक अनुभूति ही है । साधनायात्रा करते समय गुरुदेवजी ने प्रत्येक साधक को उसकी क्षमता के अनुरूप बहुत ही ज्ञान प्रदान किया है ।

चिंता से मुक्त होने की सरल पद्धति है – स्वसूचना !

कोरोना के प्रकोप होने की स्थिति में चिंता होना, भय प्रतीत होकर अस्वस्थ लगना आदि स्वभावदोषों का प्रकटीकरण होने की संभावना रहती है । अतः उचित स्वसूचनाएं देने से प्राप्त स्थिति से बाहर निकलने में सहायता मिलती है ।