विकास दुबे का निकटवर्ती सहयोगी अमर दुबे पुलिस मुठभेड में मारा गया
चौबेपुर के ८ पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रकरण में फरार विकास दुबे का निकटवर्ती सहयोगी अमर दुबे ८ जुलाई को उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष खोज दल के साथ हुई मुठभेड में मारा गया ।
चौबेपुर के ८ पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रकरण में फरार विकास दुबे का निकटवर्ती सहयोगी अमर दुबे ८ जुलाई को उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष खोज दल के साथ हुई मुठभेड में मारा गया ।
भारत में कुछ लोग और प्रसार माध्यम यह विचार कर रहे हैं कि जब भारत और चीन के मध्य तनाव उत्पन्न होता है, तब भारत को तिब्बत का विषय उठाना चाहिए । उससे भारत को लाभ मिलेगा; परंतु यह विचार करना, तो एक भ्रम है ।
यहां के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डेपर ५ जुलाई को ‘एयर कार्गो’ से आए राजनीतिक सामग्री में तस्करी किया हुआ ३० किलो सोना मिला ।
गुंडों के गिरोह की भांति आचरण करनेवाले पुलिसकर्मी ! ऐसे पुलिसकर्मी जनता के रक्षक नहीं, अपितु भक्षक ही हैं ! ऐसे पुलिसकर्मियों के कारण पुलिस बल के ही ८ पुलिसकर्मियों को अपने प्राण गंवाने पडे, जो पुलिस विभाग के लिए लज्जाजनक !
पाक के अल्पसंख्यक हिन्दू किस प्रकार आंतक के साए में जीवन जी रहे हैं, यही इस घटना से दिखाई देता है ! इस संबंध में एक भी धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी, कांग्रेस, समाजवादी दल, साम्यवादी आदि मुंह नहीं खोलेंगे, यह ध्यान में रखें !
अमेरिका में भारतीय वंश की एक महिला सांसद को जो लगता है, वह भारत के कितने जन्महिन्दू जनप्रतिनिधियों को लगता है ?
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार के राज्य में कानून और व्यवस्था भंग ! भाजपा के नेता की हत्या पर विरोधी पक्ष भी मौन है । किसी आधुनिकतावादी अथवा अल्पसंख्यक व्यक्ति की हत्या हुई होती, तो देशभर में उसका विरोध हो जाता !
‘हमारा संदेश स्पष्ट है । हम केवल दर्शक के रूप में खडे रहकर चीन अथवा अन्य किसी को भी सर्वाधिक शक्तिशाली अथवा प्रभावशाली बनने के लिए हाथ में कमान नहीं देंगे । – व्हाइट हाउस के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ मार्क मीडोज
चीन के कम्युनिस्ट नेता के बेटे तथा चीनी सेना के पूर्व अधिकारी जिनाली यांग ने यह दावा किया है कि गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के मध्य हुए घमासान में चीन के १०० सैनिक मारे गए; परंतु चीन सरकार इन आंकडों को छिपा रही है । इस संदर्भ में सच्चाई सामने आ गई, तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मुंह छिपाना पडेगा ।
देहली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण को भीमा-कोरेगाव दंगों के प्रकरण में बंदी बनाए गए गौतम नवलखा को देहली से मुंबई में स्थानांतरित करने के लिए ‘प्रॉडक्शन वॉरंट’ से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने हेतु आदेश दिया था । यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने २७ मई को निरस्त कर दिया है ।