कुंभ पर्व विशेष
कुंभ मेला विश्व का सबसे बडा धार्मिक पर्व है ! कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक महानता का केवल दर्शन ही नहीं; अपितु संतसंग प्रदान करनेवाला आध्यात्मिक सम्मेलन है ।
कुंभ मेला विश्व का सबसे बडा धार्मिक पर्व है ! कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक महानता का केवल दर्शन ही नहीं; अपितु संतसंग प्रदान करनेवाला आध्यात्मिक सम्मेलन है ।
हरद्वार (हरिद्वार) उत्तराखंड राज्य के गंगातट पर बसा प्राचीन तीर्थक्षेत्र है । हिमालय की अनेक कंदराओं एवं शिलाओं से तीव्र वेग से नीचे आनेवाली गंगा का प्रवाह, यहां के समतल क्षेत्र में आने पर मंद पड जाता है । इस स्थान को ‘गंगाद्वार’ भी कहते हैं ।
कुंभ पर्व अत्यंत पुण्यदायी होने के कारण उस समय प्रयाग, हरद्वार (हरिद्वार), उज्जैन एवं त्र्यंबकेश्वर-नाशिक में स्नान करने से अनंत पुण्यलाभ होता है । इसीलिए करोडों श्रद्धालु एवं साधु-संत इस स्थान पर एकत्रित होते हैं ।
शिवजी विवाहित दंपतियों के देवता,शक्त्यासहितः शंभुः हैं । यदि शक्ति न हो, तो शिव का शव होता है । अन्य देवता चूंकि अकेले होते हैं, इसलिए उनकी मूर्तियों में अल्प ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे उनके देवालयों में ठंडक प्रतीत होती है । शिवजी के देवालय में अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होने के कारण शक्ति का अनुभव होता है ।
शिव अर्थात कल्याण करनेवाला, शुभंकर । उन्हें पूरी सृष्टि का लयकर्ता भी माना जाता है । लय अर्थात अंत अथवा मृत्यु नष्ट करनेवाला; परन्तु लय शब्द का अर्थ जीवन को एक सुरीली लय में बांधनेवाला, ऐसा भी क्यों न समझें ? क्योंकि, भगवान शिवशंकर महादेव नृत्यकला के भी प्रणेता हैं। शिवजी नृत्य जानते हैं, निर्माण करते हैं, तो जीवन भी लयबद्ध एवं प्रवाहित करेंगे, इसमें कोई संदेह न रखें ।