सनातन की ग्रंथमाला देवी की उपासना एवं उसका अध्या‍त्मशास्त्र

देवताआेंकी पूजा अध्‍यात्‍मशास्‍त्रानुसार करें !

पूजापूर्व व्‍यक्‍तिगत व्‍यवस्‍था (अध्‍यात्‍मशास्‍त्रीय आधारसहित)

     पूजक की व्‍यक्‍तिगत तैयारी उसकी सात्त्विकता बढानेमें लाभदायक सिद्ध होती है । स्‍त्री-पुरुष की वेशभूषा एवं केशरचना कैसी हो, वे कौनसे अलंकार धारण करें, कुमकुम लगाने की उचित पद्धति क्‍या है आदि के विषय में ज्ञान प्रदान करनेवाला यह ग्रंथ पढें !

देवतापूजनकी कृतिका शास्‍त्र (पूर्वतैयारीसहित)

     पूजा की पूर्वव्‍यवस्‍था से पूजक पूजा से प्रक्षेपित चैतन्‍य ग्रहण कर सकता है । इस हेतु ग्रंथ में पूजाके आरंभ में पूजास्‍थलकी शुद्धि क्‍यों करनी चाहिए, पूजक आसन के रूप में पीढा क्‍यों ले, निर्माल्‍य अंगूठे एवं अनामिका से क्‍यों निकालना चाहिए इत्‍यादि के उत्तर दिए गए हैं ।

पंचोपचार एवं षोडशोपचार पूजनका अध्‍यात्‍मशास्‍त्रीय आधार

  •  देवता को अनामिका से चंदन क्‍यों लगाएं ?
  •  किस देवता को कौनसे पुष्‍प चढाने चाहिए ?
  •  पुष्‍प चढाते समय डंठल देवता की ओर क्‍यों हो ?
  •  देवता को कपास के दो वस्‍त्र क्‍यों एवं कैसे चढाएं ?

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