परिस्थितियों पर नहीं, हमारे दृष्टिाकोण पर निर्भर है तनाव-निर्मूलन !

डॉ. पिंगळेजी द्वारा एसआईआरटीई में तनावमुक्‍ति विषय पर हुई ऑनलाइन कार्यशाला

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

     भोपाल (म.प्र.) – ‘‘विषम परिस्‍थिति में निडरता से एवं संकल्‍प के साथ काम करने की आवश्‍यकता है । वर्तमान में कोरोना का दौर है । कई युवा तनाव में जीवनयापन कर रहे हैं । सकारात्‍मक सोच के साथ मन की शक्‍ति प्रदान करें, फिर आपके सामने कितना भी बडा पहाड जैसा लक्ष्य हो, आप मंजिल प्राप्‍त कर ही लेंगे । परिस्‍थितियों पर नहीं, हमारे दृष्‍टिकोण पर तनाव निर्मूलन निर्भर है !’’ ऐसा सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा । वे एसआईआरटीई में ‘तनावमुक्‍ति एवं संतुलित जीवन का रहस्‍य’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में बोल रहे थे । आगे सद़्‍गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा कि ‘‘बाह्य जगत में  कंप्‍यूटर काम करता है, उसी प्रकार  हमारे भीतर भी कार्य होता है । उसके लिए मन का नियंत्रण आवश्‍यक है ।’’

मन के नियंत्रण हेतु सद़्‍गुरु डॉ. पिंगळेजी ने बताए सफलता के मंत्र

१. स्‍वसूचना : छात्रों को परीक्षा में अच्‍छे अंक लाने व नौकरी पाने का तनाव रहता है । ऐसे युवा स्‍वसूचना (auto suggestion) के जरिए पहले मन को सकारात्‍मक विचारों के साथ प्रबल करें ।

२. साधना : आत्‍मबल बढाने हेतु अपने पंथ के अनुसार जप करें ।

क्षणिकाएं

१. इस समय महाविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग प्रमुख डॉ. विदोष महातेजी ने प्रस्‍तावना की और महाविद्यालय के डॉ. विपिन शर्मा ने आभार प्रकट किया ।

२. निदेशक डॉ. विकास पागे ने कहा कि भविष्‍य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए ।

३. इस तनावमुक्‍ति विषय पर हुई ऑनलाइन कार्यशाला पर सेज ग्रुप के चेयरमन श्री. संजीव अग्रवाल तथा वाई चेयरमन श्री. प्रशांत जैन ने कार्यक्रम की सराहना की ।