सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अध्यात्म शास्त्र अनंत है । अनंत ग्रंथों में इसे अनंत प्रकार से प्रस्तुत किया गया है । इस कारण बुद्धि से उसका अध्ययन करने की अपेक्षा साधना करें और स्वयं अनंत की (परमेश्वर की) अनुभूति लें ।
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक