अनुच्छेद ३७० रद्द करना उचित !

सर्वोच्च न्यायालय की ५ सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार के ५ अगस्त २०१९ को जम्मू-कश्मीर के लिए लागू अनुच्छेद ३७० को रद्द करने के निर्णय को उचित प्रमाणित किया है

Donald Trump : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड सकते ! – उच्चतम न्यायालय का निर्णय

६ जनवरी, २०२१ के दिन ‘यूएस कैपिटल’ (अमेरिका की संसद) में हुई हिंसा के लिए ट्रंप को उत्तरदायी ठहराया गया है ।

देश के न्यायालयों में ५ करोड से भी अधिक अभियोग प्रलंबित !

प्रलंबित अभियोगों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि ही हो रही है । इन्हें पूरा करने के लिए शासनकर्ता, न्यायप्रणाली और जनता को सामूहिक प्रयत्न करना आवश्यक है !

श्रीकृष्णजन्मभूमि सर्वेक्षण का इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय ने यथावत रखा

मथुरा ईदगाह कमिटी की याचिका नकार दी ! 

(और इनकी सुनिए…) ‘धारा ३७० के विषय में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय राजनीतिक !’ – अनवर काकर, पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर बोलने का पाकिस्तान को मूलत: कोई भी अधिकार नहीं है ! पाकिस्तान के न्यायालयों द्वारा वहां के पीडित हिन्दुओं पर कितने अत्याचार हो रहे हैं ? यह बात पूरा विश्व जानता है !

(और इनकी सुनिए…) ‘लद्दाख हमारा है, इसलिए उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाना उचित नहीं !’ – चीन

अरुणाचल प्रदेश पर दावा करनेवाले चीन ने अब लद्दाख पर दावा करना, चीन की विस्तारवादी नीति को भारत की ओर से पीछले ७५ वर्षाें में ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर न दिए जाने का ही परिणाम कहना होगा !

Farooq Abdullah Article 370 : (और इनकी सुनिए…) ‘धारा ३७० पुन: लाई जाएगी, इसके लिए हमें २०० वर्ष भी लग सकते हैं !’ – फारूक अब्दुल्ला

उच्चतम न्यायालय द्वारा कश्मीर से धारा ३७० रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय को सही ठहराने के विषय पर पूछे गए प्रश्न में अब्दुल्ला ने उपर्युक्त उत्तर दिया ।

Pakistan On Article 370 : (और इनकी सुनिए… ) ‘जम्मू-कश्मीर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता को स्वीकार नहीं करेगा !’ – पाकिस्तान

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर पाकिस्तान का अनाधिकार तांडव !

Article 370 : अनुच्छेद ३७० रद्द करना उचित !

सर्वोच्च न्यायालय का महत्त्वपूर्ण निर्णय !
लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा !
जम्मू-कश्मीर में ३० सितंबर २०२४ तक विधानसभा के चुनाव कराने का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा बलात्कार के प्रकरण में लडकियों को दिए गए सुझाव पर जताया असंतोष !

लोगों का मानना है कि युवा पीढी में नैतिक मूल्यों को बढावा देने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भी समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए !