यदि कोई आधार कार्ड क्रमांक, ‘ए.टी.एम. का पिन’ अथवा ‘ओ.टी.पी.’ जैसी गोपनीय जानकारी मांगे, तो स्वयं को धोखाधडी से बचाने के लिए उसकी अनदेखी करें !

चल-दूरभाष (मोबाइल) के आधार पर संपर्क कर अथवा लघुसंदेश (एस.एम.एस.) भेजकर नागरिकों को ठगने की मात्रा दिनदहाडे बढती ही जा रही है । तत्कालीन सामाजिक समस्या, नागरिकों की लाचारी, अज्ञानता, भोलापन आदि कारणों से समाज की अनेक दुष्प्रवृत्तियां हमसे धोखाधडी करती है ।

Vaishvik Hindu Rashtra Mahotsav : आज गोवा में होगा अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र सम्मेलन का आरंभ !

साल २०१२ से ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र सम्मेलन’ के नाम से आयोजित यह सम्मेलन की इस साल तपपूर्ती है। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियो के भाग लेने के कारण इस सम्मेलन का नाम बदलकर परिवर्तित कर ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र सम्मेलन’ कर दिया गया है।

युवको, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी ग्रंथकार्य की ध्वजा फहराते रखने हेतु ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित हों !

जिन्हें समाज में जाकर समष्टि साधना करना संभव नहीं है, वे घर पर रहकर संकलन एवं भाषांतर की सेवाएं भी कर सकते हैं । ग्रंथों से संबंधित सेवा करना भी परिणामकारी समष्टि साधना है ।

Chardham Yatra Huge Crowd : चारधाम यात्रा के दूसरे ही दिन यमुनोत्री के ४ किमी संकरे मार्ग पर प्रचंड भीड

चारधाम यात्रा १० म‌ई को आरंभ हो गई । इसके दूसरे ही दिन २२ हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे, तो गंगोत्री में ५ हजार २७७ श्रद्धालु पहुंचे ।

TMC Attack On BJP : बंगाल में ‘जय श्रीराम’ का जयघोष करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर आक्रमण : १५ लोग घायल 

भाजपा की ओर से तृणमूल कांग्रेस पर आरोप 

सनातन संस्था की रजत जयंती के अवसर पर २१ अप्रैल को पुणे में भव्य शोभायात्रा का आयोजन  !

सनातन धर्म की महिमा व गौरव वृद्धिंगत करने के लिए २१ अप्रैल को पुणे नगर में सनातन धर्म की सेवा और कार्य, सर्व लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘सनातन गौरव शोभायत्रा’ का आयोजन किया गया है।

India Heat Wave : देश में ‘लू’ का संकट बढ़ा !

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष अप्रैल से जून तक की अवधि में देश के अधिकतर भागों का अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहनेवाला है ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु ‘आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार’ होने के उद्देश्य से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संकल्प कार्यरत हो गया है । अतः उनकी अपार कृपा प्राप्त करने के लिए इस कार्य में पूर्ण लगन से सम्मिलित हों !

धर्मप्रसार का कार्य होने में ज्ञानशक्ति, इच्छाशक्ति एवं क्रियाशक्ति, इनमें से ज्ञानशक्ति का योगदान सर्वाधिक है । ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने हेतु सबसे प्रभावी माध्यम हैं ‘ग्रंथ’ !