(और अब इनकी सुनिए…) ‘गजमुख के भगवान श्री गणेश केवल एक दंतकथा !’ – ए. एन. शमसीर के विषैले बोल
भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है । ऐसा होने पर भी संविधान द्वारा प्रदान किए गए एक महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए शमसीर को हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत करने का अधिकार किसने दिया ? धर्म-निरपेक्षवादी इस पर कुछ नहीं बोलते, यह ध्यान में लें !