कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या के लिए पाकिस्तान उत्तरदायी ! – केन्द्रीय सरकार
सरकार ने इसमें नया क्या कहा ? यह बात १९९० से पूरा विश्व जानता है । इसपर सरकार क्या करेगी और कैसे हिन्दुओं की रक्षा करेगी? यह बताएं !
सरकार ने इसमें नया क्या कहा ? यह बात १९९० से पूरा विश्व जानता है । इसपर सरकार क्या करेगी और कैसे हिन्दुओं की रक्षा करेगी? यह बताएं !
यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के वंशविच्छेद के पाकिस्तानी प्रयास को विफल कर दिया होता तो, आज आतंकवादियों का हिन्दुओं को वक्र दृष्टि से देखने का साहस ही नहीं होता ।
वर्ष २०१६-१७ में जिस प्रकार जिहादी आतंकवादी सूची बनाकर पुलिसकर्मियों को मार रहे थे, उसी प्रकार अब उनके द्वारा हिन्दू सरकारी कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें लक्ष्य करने की संभावना है ।
आतंकवादियों द्वारा एक के बाद एक हिन्दुओं की हत्याओं को देखकर यह स्पष्ट है कि उन्होंने हिन्दुओं तथा सरकार के विरुद्ध सीधे युद्ध की घोषणा की है ! क्या सरकार अब जिहादियों को मात देगी ? या क्या यह ऐसे ही आरंभ चलता रहेगा ?
क्या भारत आने से पूर्व, हमारी सरकारी यंत्रणाओं द्वारा उनकी पृष्ठभूमि की जांच नहीं की जाती है ? यदि होती है, तो ऐसे आतंकवादी देश में पहुंचते कैसे हैं ? इस गंभीर सुरक्षा चूक के लिए उत्तरदायी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए !
कश्मीर में चाहे कितने भी आतंकवादियों को मार गिराओ, परंतु पाकिस्तान में उनकी निर्मिति का कारखाना शुरू ही रहने के कारण, कश्मीर का आतंकवाद पाक को नष्ट किए बिना समाप्त नहीं होगा, यही वास्तविकता है !
प्रतिबंधित संगठन की कार्यवाही चलते रहना, यह सरकारी तंत्र के लिए लज्जास्पद ! ऐसे संगठनों को जड से नष्ट करने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाना आवश्यक है !
कुपवाड के जुमागुंड गांव मे घुसखोरी करने का प्रयत्न कर रहे ३ आतंकवादियों को सुरक्षाबलोंने मार गिराया । ये तीनों आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी थे । इसके पूर्व २५ मई के दिन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए थे ।
सुरक्षा बलों ने यहां एक झड़प में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया । इस दौरान एक पुलिसकर्मी को वीरगति मिली । मारे गए आतंकियों के पास से हथियार मिले हैं ।
कश्मीर के सन्दर्भ में तीर्थयात्रियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह निश्चित करनेवाले आतंकवादी कौन होते हैं ? कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और प्रत्येक हिन्दू को इस पर बोलने का अधिकार है !