‘आदिपुरुष’ फिल्म प्रतिबंधित करें ! – करणी सेना की मांग
सूरज पाल अम्मू ने आगे कहा, ‘यदि निर्माताओं में साहस है, तो मुहम्मद पैगंबर एवं सिक्खों के गुरु पर ऐसी फिल्म निर्माण कर दिखाएं । तब उनको मुंहतोड प्रत्युत्तर (जवाब) मिलेगा ।’
सूरज पाल अम्मू ने आगे कहा, ‘यदि निर्माताओं में साहस है, तो मुहम्मद पैगंबर एवं सिक्खों के गुरु पर ऐसी फिल्म निर्माण कर दिखाएं । तब उनको मुंहतोड प्रत्युत्तर (जवाब) मिलेगा ।’
वास्तविक आपत्तिजनक संवाद हटाए जाएं तबतक इस चलचित्र का प्रदर्शन रोकना आवश्यक है । आजकल अधिकांश चलचित्र ८ से १५ दिनों में ही पुराने हो जाते हैं । इसलिए एक सप्ताह में आपत्तिजनक संवाद हटाने का आश्वासन देना, अर्थात ‘बाद में देखा जाएगा’ ऐसा ही कहना है ! यह हिन्दुओं की आंखो में धूल झोंकने समान ही है !
‘आदिपुरुष’ चित्रपट में आपत्तिजनक संवाद लेखक मनोज मुंतशीर शुक्ला द्वारा समर्थन !
चित्रपट के माध्यम से भगवान श्रीराम, सीतामाता, श्री हनुमान आदि को गलत ढंग से दिखाया
इसे कहते हैं, ‘उल्टा चोर कोतवालको डांटे !’ पहले लव जिहाद करना और उसका विरोध होने पर इस प्रकार की धमकियां देना । ऐसी मानसिकतावाले लोगोंपर पुलिसकी कार्यवाही होनी अति आवश्यक है ।
१६ जून को कांदिवली के ‘कपोल विद्यानिधि’ विद्यालय में एक अध्यापिका ने नियमित प्रार्थना के उपरांत ध्वनियंत्र पर अजान चलाने की घटना हुई । इस संदर्भ में जानकारी मिलते ही शिवसेना की ओर से पुलिस थाने में शिकायत कर अपराध पंजीकृत करने की मांग की गई है ।
हिन्दू बहुसंख्यक भारत में ‘जय श्रीराम’ की घोषणा करनेवाले ६ विद्यार्थियों पर कार्यवाही होना हिन्दुओं की आवाज दबाने का ही प्रयास है !
देशद्रोही घोषणा करनेवालों के विरुद्ध कभी एक शब्द भी नहीं कहा जाता, यह ध्यान में लें !
लव जिहादी कट्टरपंथियों ने हिन्दू लडकियों के अश्लील छायाचित्र निकाल कर उन्हें धमकाया !
हिन्दुओं के ऋषि-मुनियों के विषय में अश्लील वक्तव्य करनेवालों को कारागृह में डाल देना चाहिए; परंतु राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता होने से वहां के धर्मांधों की पांचों उंगलियां घी में, यही सत्य है !
‘लव जिहाद’ कर हिन्दू लडकियों का जीवन ध्वस्त करने के साथ ही मुसलमान लडकियों के साथ प्रेम करनेवाले हिन्दू लडकों का जीवन में मिटाया जा रहा है । अन्य समय पर हिन्दुत्वनिष्ठों को ‘प्रेम को धर्म के बंधन में बंद मत कीजिए’ जैसे उपदेश की घुट्टी पिलानेवाले कथित सेक्यूलरवादी अब मौन क्यों ?