लोकसभा चुनावों से पहले गोमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करें ! – श्री १००८ महाशक्ति पीठाधीश्वर श्री शक्तिजी महाराज, श्री महाकाली माता शक्तिपीठ प्रतिष्ठान, अमरावती

जन्मदाता मां के उपरांत गाय हमारी माता है । हम गोमाता का दूध पीते हैं; परंतु उसकी रक्षा करने में हम कम पड रहे हैं । नांदेड में गोरक्षकों की हत्या की गई । गोरक्षकों को प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता । गोमाता की रक्षा करने के लिए सभी हिन्दुओं को एकत्र आना चाहिए

कर्नाटक में अभी भी गोहत्या बंदी कानून होने से विशेष पशु की बलि न दें !

कानून होते हुए भी धर्मांध गोहत्या करते रहते हैं | कर्नाटक में कांग्रेस सरकार आने से इस कानून का कितना पालन होगा, इस ओर गोरक्षकों को ध्यान देना आवश्यक है !

न्यायव्यवस्था में कर्मफलन्याय सिद्धांत का समावेश अत्यावश्यक ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

एक ही प्रकार का अपराध होते हुए भी अपराधियों को भिन्न दंड क्यों दिया जाता है ? उसके पीछे क्या कर्मफलसिद्धांत है ? जब एकाध द्वारा बलात्कार के समान अपराध होता है, तब उसके पीछे ‘काम’ एवं ‘क्रोध’ ये षड्रिपुओं के दोष समाहित होते हैं । क्या उसका अध्ययन नहीं होना चाहिए ?

जिहादी विचारधारा के लोगों का ही समान नागरिक कानून को विरोध ! – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी

समान नागरिक संहिता के लिए देशभर में पिछले अनेक वर्षों से मांग हो रही है । हमने पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के समय जनता के सामने संकल्प किया था कि, चुनकर आएंगे तो समान नागरिक कानून लागू करेंगे, इसका ढांचा बनाने के लिए समिति गठित करेंगे ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने पर ही गोहत्याएं संपूर्णतया रुकेंगी ! – अधिवक्ता सिद्ध विद्या, उच्च न्यायालय, मुंबई

भारत के विभिन्न राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधक कानून बनाए गए हैं; परंतु उनमें अनेक त्रुटियां होने के कारण वह एक प्रकार से हिन्दुओं से की गई प्रतारणा है । एक राज्य में गोहत्या प्रतिबंधक कानून हो तथा पडोस के राज्य में गोहत्याबंदी कानून न हो, तो व्यापारी राज्य की सीमा से पार जाकर गोहत्या करते हैं |

कर्नाटक में धर्मांतर विरोधी कानून रद्द किया जाएगा !

हिन्दू विरोधी और मुसलमान एवं ईसाई प्रेमी कांग्रेस सरकार का निर्णय !

देशद्रोह का कानून निरस्त नहीं किया जा सकता ! – विधि आयोग

इस विवरण में आगे कहा गया है कि धारा ‘१२४ अ’ का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, इसलिए उसमें सरकार को आवश्यक टिप्पणियां देनी चाहिए । तथापि वह निरस्त करने से देश की अखंडता एवं सुरक्षा पर परिणाम हो सकता है ।

समान नागरिकता कानून दृष्टिक्षेप में : विधि आयोग द्वारा जनता की ओर से  मत मंगवाए !

देश में समान नागरिकता कानून लागू करने की हिन्दुओं की विगत अनेक वर्षों से मांग थी । वह अब पूरी होते नजर आ रही है । मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों को ३० दिनों में मत भेजने का आवाहन

(और इनकी सुनिए…) ‘पूजा स्थल को कानून रहित करने से अराजकता निर्माण होगी!’ – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि ´ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड´ इस प्रकार का वक्तव्य देकर हिन्दुओं को धमकी देने का प्रयत्न कर रहा है !

देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित करना अपरिहार्य ! – योगऋषि बाबा रामदेव

यदि जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित किया, तो उसका पालन हिन्दू ही करेंगे तथा ‘हम ५ हमारे २५’ कहनेवाले उसका उल्लंघन ही करते रहेंगे, यह भी उतना ही सच है ! इसलिए अब यह भी विचार करने की आवश्यकता है कि यह कानून किस के लिए पारित करना चाहिए !