हिन्दू राष्‍ट्र बनाने के लिए बडा जन आंदोलन खडा करना आवश्‍यक ! – प्रवीण चतुर्वेदी, संस्‍थापक तथा मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, ‘प्राच्‍यम’

आज समूचा विश्व हिन्दू धर्म और संस्‍कृति को नष्‍ट करने का प्रयत्न कर रहा है । इसलिए, हमें संगठित होकर इसका सामना करना पडेगा । हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए धार्मिकता और आध्‍यात्मिकता से युक्त एक बडा  जनांदोलन खडा करना आवश्‍यक है ।

Shri Ram Mandir Ayodhya : १४ जुलाई तक २ करोड भक्तों ने किए श्रीरामलल्ला के दर्शन !

मंदिर में प्रतिदिन लगभग १ लाख १२ सहस्र भक्त आ रहे हैं । वर्तमान में उत्तर भारत में चल रहे श्रावण मास में इस संख्या में बढोतरी हो सकती है, ऐसा कहा जा रहा है ।

‘Swastik’ And ‘Hackenkreuz’ Different : हिन्दुओं के ‘स्वस्तिक’ और नाजियों के ‘हकेनक्रेज’ में अंतर!

स्वस्तिक हजारों वर्षों से अस्तित्व में है, जबकि इसका समकक्ष ‘हेकेनक्रूज़’ कुछ समय पहले का ही है । स्वस्तिक का हिन्दू धर्म में एक अद्वितीय महत्व है, भारतीयों को विदेशी नागरिकों को भी यह समझाना चाहिए !

सनातन संस्‍था की ओर से पूरे देश में ७७ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्‍सव’ भक्‍तिमय वातावरण में मनाया गया !

२१ जुलाई २०२४ को सनातन संस्‍था की ओर से पूरे देश में ७७ स्थानों में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया । महोत्सव के आरंभ में श्री व्‍यासपूजा एवं सनातन संस्था के आस्था के केंद्र प.पू. भक्‍तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया ।

Sindhu-Saraswati Culture In Text Book : नई पाठ्यपुस्‍तक में ‘हडप्‍पा’ के स्थान पर ‘सिंधु-सरस्‍वती संस्‍कृति’ का नामोल्लेख !

केंद्र सरकर द्वारा आर्य आक्रमण सिद्धांत किस प्रकार सफेद झूठ है, यह उदाहरण सहित बताकर सनातन हिन्दू धर्म इसी भूमि से ही सर्वत्र फैल गया, यह बात स्‍पष्‍ट करनी चाहिए !

Asaduddin Owaisi on Pilgrimage Scheme : (और इनकी सुनिए …) ‘योजना में मुस्लिम समुदाय के केवल दो स्थानों का ही नाम दिया है।’

यह भारत है। देश और राज्य में मंदिरों की संख्या अधिक है और महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में हिन्दू रहते हैं। अतः इस योजना में हिन्दू तीर्थ स्थलों की संख्या अधिक होना स्वाभाविक है ! 

स्‍त्रीवादी संगठनों ने महिला सशक्तिकरण के नाम पर हिन्दू समाज को विभाजित किया ! – प्रा. मधु पूर्णिमा किश्वर, संपादिका, ‘मानुषी’, देहली

‘स्‍त्रीवादी स्‍वयंसेवी संगठनों ने समाजसेवा के मुखौटे लगाकर स्वयं को चाहिए वैसे कानून पारित करवा लिए । प्रसारमाध्‍यम, न्‍यायव्‍यवस्‍था, नौकरशाही ये सभी इन स्‍त्रीवादी कहलानेवालों की कठपुतलियां हैं । इन स्‍त्रीवादी संगठनों ने महिला सशक्तिकरण, गरीबों को शिक्षा, अनुसूचित जाति-जनजाति को न्‍याय जैसे नाम पर हिन्दू समाज विभाजित किया ।

हिन्दुओं को स्वरक्षा प्रशिक्षण लेने के साथ ही उपासना भी करनी चाहिए ! – स्वामी साधनानंद महाराज, मुख्य संयोजक, भारत सेवाश्रम संघ (पूर्वोत्तर क्षेत्र)

हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है । हिन्दू धर्म, यह दुर्बलों का नहीं है । हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण समान अन्याय के विरोध में लडना चाहिए ।

भारतीय ज्ञान पर आधारित पश्चिमी वैज्ञानिक प्रगति ! – डॉ. नीलेश ओक, यूएसए

अमेरिका में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंसेज में कार्यरत डॉ. नीलेश ओक ने कहा कि ‘‘पश्चिमी लोगों ने भारत के समृद्ध ग्रंथों का अनुवाद करके ही विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति की है ।’’ वे ‘विश्वगुरु भारत की बलस्थान : सनातन हिन्दू धर्म’ विषय पर बोल रहे थे ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा अध्यात्म-क्षेत्र में किया गया कार्य !

अध्यात्मप्रसार के कार्य की व्यापकता बढने के उपरांत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने २३.३.१९९९ को सनातन संस्था की स्थापना की । सनातन संस्था का उद्देश्य है वैज्ञानिक परिभाषा में हिन्दू धर्म के अध्यात्मशास्त्र का प्रसार कर धर्मशिक्षा देना