पितृपक्ष में महालय श्राद्ध कर पितरों का आशीर्वाद प्राप्‍त करें !

पितृपक्ष में पितृलोक पृथ्‍वीलोक के सर्वाधिक निकट आने से इस काल में पूर्वजों को समर्पित अन्‍न, जल और पिंडदान उन तक शीघ्र पहुंचता है । उससे वे संतुष्‍ट होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं । श्राद्धविधि करने से पितृदोष के कारण साधना में आनेवाली बाधाएं दूर होकर साधना में सहायता मिलती है ।

हिन्दू धर्म में छोटे बच्चों का श्राद्धकर्म न करने के कारण

छोटे बच्चों की (१० वर्ष आयुतक के बच्चों की) मृत्यु होने के संदर्भ में धर्मशास्त्र द्वारा की गई व्यवस्था !

अन्य पंथ तो पूर्वजों के लिए कुछ नहीं करते, फिर उन्हें कष्ट नहीं होता है क्या ?

हिन्दू हो, मुसलमान हो अथवा ईसाई । जो भी शास्त्रों का पालन करेगा, उसे लाभ होगा । जो नहीं करेगा, उसकी हानि निश्‍चित है; परंतु अनेक पंथों में हिन्दू धर्म में वर्णित बातें अलग-अलग पद्धति से अपनायी जाती हैं ।

राष्ट्रभाषा को बचाएं एवं राष्ट्रीय एकता बनाए रखें !

‘सनातन हिन्दू संस्कृति का उपदेश है कि गांव के लिए परिवार को त्यागना, जनपद के लिए गांव को त्यागना, राज्य के लिए जनपद को त्यागना एवं राष्ट्रके लिए राज्य को त्यागना आवश्यक है ।

ज्येष्ठा गौरी

असुरों द्वारा पीडित सभी स्त्रियां श्री महालक्ष्मी गौरी की शरण में गईं एवं उन्होंने अपने अक्षुण्ण सौभाग्य हेतु प्रार्थना की ।

पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष में नामजप और श्राद्धविधि करें !

‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (१० से २४ सितंबर २०२२ की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने से इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ’ नामजप करें ।

दल (पर्टी) की अपेक्षा मेरे लिए धर्मरक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है ! – टी. राजा सिंह

गोशामहल विधानसभा मतदातासंघ के भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह को पैगंबर का कथित अपमान करने के लिए बंदी बना कर तदुपरांत प्रतिभूति (जमानत) पर छोड दिया गया ।

ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के दावेदार ऋषि सुनक ने लिए भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन

श्रीकृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर भक्ति वेदांत मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के दावेदार भारतीय वंश के उम्मीदवार ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति उपस्थित थे ।

जागृत हिन्दू अन्य हिन्दुओं को भी हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृत करें ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

साधना एवं धर्मपालन करनेवाले, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के लिए क्रियाशील हिन्दुओं की आज आवश्यकता है । धर्म एवं अधर्म की लडाई में हम धर्म को जानकर आगे बढें, तो हमारी विजय निश्चित है ।

अल्पसंख्यक हिन्दू, ईसाई तथा सिक्ख कैदियों को उनका धर्मग्रंथ पठन करने पर उनके दंड में ३ से ६ माह की छूट मिलेगी !

भारत में हिन्दू कैदियों को साधना सिखा कर उनसे धर्माचरण करवाना आवश्यक है ! ऐसा करने से उनकी अपराधी मानसिकता में परिवर्तन होकर उनमें सुधार हो सकता है !