केंद्र सरकार ने गत ८ वर्षों से राम सेतु को ‘राष्ट्रीय स्मारक’ घोषित करने का शपथपत्र (हलफनामा) तक प्रस्तुत नहीं किया !
गत ८ वर्षों से रामसेतु को ‘राष्ट्रीय स्मारक’ घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया ।
गत ८ वर्षों से रामसेतु को ‘राष्ट्रीय स्मारक’ घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया ।
‘राष्ट्रीय आदर्श वेद विद्यालय’का केंद्रीय शिक्षणमंत्री धर्मेंद्र प्रधान को हस्तों ५ अक्टूबर को उद्घाटन किया गया । इस निवासी विद्यालय का नाम है ‘श्री जगन्नाथ राष्ट्रीय आदर्श वेद विद्यालय’, जिसका उद्घाटन वेदमंत्राेच्चारों के जयघोष में किया गया ।
बिहार के मुंडेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रि में मनोव्रत (मनोकामनाएं अथवा मन्नतें) पूर्ण करने के लिए रक्तहीन बलि दी जाती है । अर्थात बलि की प्रक्रिया बकरे को मारे बिना पूरी हो जाती है। यह मंदिर ५ वीं शताब्दी का माना जाता है ।
‘गोपालन करनेवाले भगवान श्रीकृष्ण के कारण उस समय भारत समृद्ध था । आज के समय की सर्वदलीय सरकारों द्वारा सर्वत्र गोवंश हत्या करनेवाले पशुवधगृह चलाने के कारण आज भारत निर्धन होकर इस दयनीय स्थिति तक पहुंच गया है ।’
बैठक के पूर्व मंत्रियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘महाकाल कोरिडोर’ अब ‘श्री महाकाल लोक’ के रुप में पहचाना जाएगा । श्री महाकाल महाराज सरकार हैं, राजा हैं; इसीलिए आज श्री महाकाल की भूमि पर हम सभी सेवक बैठक ले रहे हैं ।
हिन्दू यह कोई धर्म नहीं, अपितु जीवनपद्धति है । हिन्दू होने के लिए धर्मपरिवर्तन की आवश्यकता नहीं है, ऐसा कथन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने एक सर्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए किया ।
धर्मशिक्षा न होने से हिन्दू सर्वधर्मसमभाव के नाम पर इस प्रकार के कृत्य करते हैं; परंतु अन्य धर्मी कभी भी सर्वधर्मसमभाव के रूप में उनके धार्मिक स्थल पर हिन्दुओं के देवताओं की मूर्ति अथवा धार्मिक कृत्य नहीं करते, यह ध्यान में लें !
जैन तीर्थंकर ऋषभ देव एवं भगवान विष्णु की ओर से अधिवक्ता पू. हरि शंकर जैन एवं रंजना अग्निहोत्री ने कुतुबमीनार परिसर में पूजा करने का अधिकार मांगा है ।
कुछ दिन पूर्व ही वाराणसी जिला न्यायालय ने निर्णय दिया है कि ज्ञानवापी तथा शृंगार गौरी प्रतिवाद का परिवाद आगे चलाया जाएगा । तत्पश्चात उसे मुसलमान दल उच्च न्यायालय में आव्हान देगा ।
बदरीनाथ के ज्योतिष एवं द्वारका के शारदा, इन दो पीठों के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ११ सितंबर को दोपहर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोतेश्वर मंदिर में देहत्याग किया ।