भोपाल में ‘हलाल जिहाद’ के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा व्यापारियों का प्रबोधन !

हलाल सर्टिफिकेशन के माध्यम से एक समानांतर अर्थव्यवस्था निर्माण की जा रही है ।

सद्गुणों का विकास राष्ट्रनिर्माण का महत्त्वपूर्ण कार्य ! – आनंद जाखोटिया

यदि हम अपने दुर्गुणों को दूर करने के लिए गुणवृद्धि करने का प्रयास करें, तो हम आनंदमय जीवन यापन कर सकते हैं ।

नीतू मेहतानी मेमोरियल लाइब्रेरी में युवाओं का हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रबोधन !

एक शोध के अनुसार हम दिनभर में जो विचार करते हैं, उनमें से ८० प्रतिशत विचारों का वास्तविक जीवन से कुछ लेना-देना नहीं रहता । इन विचारों में हमारी ऊर्जा व्यर्थ होती है । हमें अनेक विचारों से ऊर्जा प्रदान करनेवाले एक विचार पर अर्थात नामजप पर आना होगा ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में विविध विषयों पर उद्बोधन

तनाव का बाह्य कारण ५ प्रतिशत और आंतरिक कारण लगभग ९५ प्रतिशत होता है । तनाव के आंतरिक कारणों पर विजय प्राप्त कर तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए साधना ही एकमात्र उपाय है ।

गोवा, उत्तर भारत एवं कर्नाटक में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति ने हिन्दू धर्मबन्धुओं के साथ मनाया रक्षाबंधन !

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ३० अगस्त को रक्षाबंधन मनाया गया । इस निमित्त सनातन की साधिकाओं तथा समिति की कार्यकर्त्रियोेंं ने सनातन एवं समिति के शुभचिंतक, पाठक, धर्माभिमानी, हिन्दुत्वनिष्ठ, पत्रकार, डॉक्टर, पुलिस, मुख्यमंत्री एवं विधायकों को राखी बांधी ।

सनातन के ‘अन्त्येष्टी एवं श्राद्ध’ ग्रन्थमाला के ग्रन्थ

श्राद्ध से पूर्वजों को गति मिलने की प्रक्रिया क्या है ? श्राद्ध द्वारा हमारी पितृदोष से रक्षा कैसे होती है ? ऐसे प्रश्नोंके उत्तर जानकर लेने के लिए पढिए ग्रंथ ‘श्राद्धका महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन’

भारत के चंद्र अभियान की सफलता के विषय में अनुभव हुईं सूक्ष्म गतिविधियां !

‘विक्रम लैंडर’ चंद्रमा पर सफलता से उतरने के विषय में अनुभव हुए सूक्ष्म आयाम संबंधी तथ्य

पितृदोष से उत्पन्न कष्ट दूर करने के लिए पितृपक्ष में किया जानेवाला दत्तात्रेय का नामजप एवं प्रार्थना !

पितृपक्ष की अवधि में पितृदोष से उत्पन्न कष्टों से रक्षा होने हेतु पूरे दिन में बीच-बीच में भगवान दत्तात्रेय से प्रार्थना करें और प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप करें ।

विजेता छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के लिए प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें से संपर्क करें !

विद्यालयीन अथवा महाविद्यालयीन वर्ष के आरंभ में ही छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के संदर्भ में विनती पत्र प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें को देने का नियोजन करें ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के अनमोल वचन तथा मार्गदर्शन

सुख पाने की अपेक्षा के कारण अन्यों से इच्छा अथवा अपेक्षा करना, यदि हमारे जीवन में दुख तथा अज्ञान निर्माण करता है, तो वह ‘आसक्ति’ है ।