रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर प्रवचन
रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर दिल्ली के साईदुला जेब, एमबी रोड स्थित लिटिल वन पब्लिक स्कूल में सनातन संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया ।
रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर दिल्ली के साईदुला जेब, एमबी रोड स्थित लिटिल वन पब्लिक स्कूल में सनातन संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया ।
वराड, सिंधुदुर्ग के महान संत प.पू. परूळेकर महाराज (आयु ८४ वर्षे) ने यहां के ‘श्रीरामनगरी’ आश्रम में २८ जून २०२१ को सवेरे ९ बजे देहत्याग किया ।
मूलतः वसई जिला रायगड के प्रख्यात वैद्य तथा सनातन के ३५ वें संत आयुर्वेद प्रवीण पू. वैद्य विनय नीळकंठ भावेजी (आयु ६९ वर्ष) ने २५ जून को रात १० बजे रत्नागिरी में देहत्याग किया । वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे ।
अपेक्षा करना’ अहं का लक्षण है । अपेक्षापूर्ति होने पर तात्कालिक सुख मिलता है; परंतु इससे अहं का पोषण होता है और यदि अपेक्षा के अनुरूप नहीं होता तो दुःख होता है, अर्थात दोनों ही प्रसंगों में साधना की दृष्टि से हानि ही होती है ।’
अनेक शुभचिंतक समय-समय पर सनातन के राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु धन अथवा वस्तु अर्पण करते हैं । यह अर्पण उचित स्थान पर पहुंचाना प्रत्येक साधक का कर्तव्य है; परंतु ऐसा देखने में आया कि एक स्थान पर अर्पण का अपव्यय हुआ है ।
साधक द्वारा साधना में उन्नति कर मन के संस्कार न्यून करना अपेक्षित है । सामाजिक माध्यमों पर विनोद, मनोरंजन, समाचार इत्यादि देखने के कारण साधक के मन पर नए संस्कार अंकित होते हैं ।
साधक को निर्गुण स्थिति प्राप्त होने तक उसके मन में भाव होता ही है तथा मन को भाव का अभ्यास होता ही है । इसका लाभ लेकर यह नामजप भाव के स्तर पर करने से इस नामजप का फल अधिक मात्रा में मिलता है ।
सनातन के आश्रम में रहनेवाली ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधिका श्रीमती चंद्ररेखा नटवरलाल जाखोटिया (उपाख्य जीजी) (आयु ६१ वर्ष) का दीर्घकालीन अस्वस्थता से १६ जून २०२१ को सवेरे ११.५५ पर निधन हुआ ।
सर्वस्व का त्याग किए बिना मोक्षप्राप्ति नहीं होती; इसीलिए आध्यात्मिक प्रगति करने की इच्छा रखनेवालों को सर्वस्व का त्याग करना चाहिए ।
आपातकाल में रक्षा होने के लिए अनन्य भाव से श्रीमन्नारायणस्वरूप परात्पर गुरु डॉक्टरजी की शरण लें और उनका खरा शिष्य बनने के लिए साधना हेतु पराकाष्ठा के प्रयत्न करें ।’ – श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ, सनातन आश्रम, रामनाथी. (२८.४.२०२१)