सनातन के बढते कार्य में निर्माणकार्य क्षेत्र की सेवाओं के लिए स्थापत्य अभियंताओं की आवश्यकता !

सनातन के आश्रम में पूर्णकालिक रहकर मनुष्यजन्म का सार्थक करने के ध्येय से प्रेरित साधकों की संख्या बढ रही है । साधकों की बढती संख्या को देखते हुए वर्तमान में आश्रम की वास्तु अपर्याप्त है । इसलिए नई वास्तु की निर्मिति के लिए स्थापत्य अभियंताओं की (‘सिविल इंजीनियर’ की) आवश्यकता है ।

‘हल्दी’ की फसल का रोपण कैसे करें ?

उचित समय पर हल्दी का रोपण, सुधारित प्रजातियों का उपयोग, जैविक उर्वरकों का प्रचुर मात्रा में उपयोग, उचित समय पर जल प्रबंधन और फसल की सुरक्षा इत्यादि बातों का नियोजन किया जाए, तो निश्चित रूप से किसानों को हल्दी की अच्छी फसल मिलेगी ।

देहली में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘मानवाधिकार’ विषय पर मार्गदर्शन

मानवाधिकार क्या है ? मानवाधिकार कैसे सुरक्षित रखें ? मानवाधिकार का उल्लंघन हो तो एक सामान्य नागरिक होते हुए हम क्या कर सकते हैं ? इत्यादि विषयों पर मार्गदर्शन किया । अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने बताया, ‘देश का नागरिक होने के नाते हम मानवाधिकार के अधिकारी हैं ।’

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु की गई प्रतिज्ञा !

इस उपक्रम का आरंभ हरसिद्धि मंदिर से किया गया था । उसके उपरांत चामुंडामाता मंदिर, गोपाल मंदिर, हिंगलाज माता मंदिर, शिवशक्ति गणेश मंडल आदि स्थानों पर ये प्रतिज्ञाएं ली गई हैं ।

समिति के द्विदशक पूर्ती निमित्त नोएडा में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘हलाल जिहाद’ विषय पर व्याख्यान !

कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री. एन.पी. सिंह ने कहा की हलाल के विषय में जो जानकारी प्राप्त हुई, वो वर्तमान समय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । आज नोएडा में हलाल का बहिष्कार करने के लिए हम सभी को संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है ।

बांसुरीवादन के द्वारा संगीत साधना, क्रियायोग की ध्यानसाधना तथा चिन्मय मिशन की ज्ञानसाधना के आनंद की निरंतर अनुभूति लेनेवाले बांसुरीवादक पंडित हिमांशु नंदा !

भारत की गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार श्री गुरु शिष्य पर क्रोधित होते हैं और आवश्यकता पडने पर गालियां भी देते हैं; परंतु शिष्य को उसका बुरा नहीं लगता । अन्य किसी ने गाली दी, तो क्रोध आएगा; परंतु श्री गुरु ने गाली दी, तो शिष्य कहता है, ‘यह तो श्री गुरु की कृपा हुई !’ यही शिष्य का समर्पण है ।

वाराणसी आश्रम के प्रति कृतज्ञभाव में रहनेवाले सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी

उत्तर भारत में प्रतिकूल परिस्थिति में भी धर्मप्रसार का कार्य अत्यंत लगन से करनेवाले, प्रेमभाव से हिन्दुत्वनिष्ठों से निकटता साधनेवाले एवं विनम्र वृत्ति के हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी २९.६.२०२२ को सद्गुरुपद पर विराजमान हुए ।

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी की अमृतवाणी !

चैतन्य का ही महत्त्व होने से उसके द्वारा ही कार्य करना । सनातन धर्म का प्रचार ही चैतन्य का प्रचार है !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी द्वारा लिए जा रहे दैवी ‘भाववृद्धि सत्संगों’ की सद्गुरु द्वारा वर्णित महिमा !

आश्विन अमावस्या (२५.९.२०२२) को श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी का जन्मदिवस है । इस उपलक्ष्य में…

महर्षिजी द्वारा बताए अनुसार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी का ५५ वां जन्मदिवस !

कोटि-कोटि प्रणाम !