उत्तर भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भक्तिभाव बढानेवाले विविध आयोजन !

भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भाव बढाने तथा उनके बारे में धर्मशास्त्र का ज्ञान समाज को मिले, इस उद्देश्य से सनातन संस्था की ओर से उत्तर भारत  के विविध राज्यों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इस विषय में हमारे पाठकों के लिए संक्षेप में समाचार दे रहे हैं ।

साधना के प्राथमिक चरण में अध्यात्म की सैद्धांतिक जानकारी देनेवाले तथा उसके अगले चरण में प्रत्यक्ष साधना सिखानेवाले सनातन के ग्रंथ !

साधना किए हुए व्यक्ति के द्वारा लिखे ग्रंथ पढना उचित रहेगा । बिना साधना किए केवल पांडित्य के आधार पर लिखे गए ग्रंथों के कारण ग्रंथ के लेखक तथा पाठक इन दोनों के ही जीवन व्यर्थ हो जाते हैं ।

भावसत्संग सुनने से व्यक्ति की सूक्ष्म ऊर्जापर (‘ऑरा’ पर) सकारात्मक परिणाम होते हैं !

भावसत्संगों के कारण अनेक साधकों को साधना में सहायता मिली है । ‘भावसत्संग लेना अथवा उसे सुनना, साधकों में व्याप्त सूक्ष्म ऊर्जा पर (‘ऑरा’ पर) इसके क्या परिणाम होते हैं ?, वैज्ञानिक दृष्टि से इसका अध्ययन करने हेतु एक परीक्षण किया गया । इस परीक्षण के लिए ‘यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर’ उपकरण का उपयोग किया गया ।

सनातन का लघुग्रंथ : आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण

साधक कष्टों में भी नामजप, भावजागृति के प्रयास अथवा सेवारत रहने का प्रयास करें । इसके कारण दुख भी प्रतीत नहीं होगा तथा साधना भी होगी ।

कुशलता से अनेक सेवाएं करनेवाले मथुरा के हिन्दू जनजागृति समिति के ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री. श्रीराम लुकतुके !

‘श्री. श्रीराम लुकतुके अनेक गुणों से संपन्न एक व्यक्तित्व है । उनके साथ सेवा करते समय प्रतीत हुई उनकी गुणविशेषताएं यहां दे रहा हूं ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘कहां पति के साथ थोडा विवाद होने पर विवाह विच्छेद करनेवाली वर्तमान पत्नियां, तो कहां पति के निधन के उपरांत उसके साथ एकरूप होने के कारण जौहर करनेवाली, अर्थात देह अग्नि में समर्पण करनेवाली पद्मावती रानी एवं उनके साथ की १६ सहस्र राजपूत स्त्रियां !’ 

Puri Shankaracharya Reaction : हिन्दुओं को लक्ष्य किया गया, तो मुसलमान शेष नहीं रहेंगे ! – शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण का विरोध किया था !

CM Yogi On Bangladeshi Hindu : बांग्लादेश के हिन्दुओं के विषय में कोई कुछ भी नहीं बोल रहा !

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रहार !
बांग्लादेश में उत्पन्न ‍वर्तमान स्थिति की विभाजन के समय की स्थिति से तुलना !

ज्योतिषी ईश्वर का दूत है । उसे सदैव यह भाव रखना चाहिए कि ‘मैं दैवी कार्य कर रहा हूं !’ – पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी, जीवनाडी-पट्टिका वाचक

सभी ज्योतिषी एकत्रित हुए, तो हमें एक-दूसरे से सीखने को मिलेगा तथा उससे संगठित भाव उत्पन्न होगा । ‘भगवान ने मनुष्य को ज्योतिषशास्त्र क्यों प्रदान किया होगा ?’, यह प्रश्न पूछकर हमें मूल विषय तक पहुंचना चाहिए’’