महाशिवरात्रि विशेष
शिव शब्द ‘वश्’ शब्द के व्यतिक्रम से अर्थात अक्षरों के क्रम परिवर्तित करने से बना है । ‘वश्’ अर्थात प्रकाशित होना, अर्थात शिव वह है जो प्रकाशित है । शिव स्वयंसिद्ध एवं स्वयंप्रकाशी हैं । वे स्वयं प्रकाशित रहकर संपूर्ण विश्व को भी प्रकाशित करते हैं ।