ईसाई बनने पर १५ सहस्र रुपये एवं ‘सुंदऱ लड़की’ से विवाह का लालच देकर हिन्दू का धर्मांतरण !
प्रलोभन के आगे घुटने टेकने के बाद एक हिन्दू का धर्म परिवर्तन; परंतु पश्चाताप के कारण उन्होंने पुनः हिन्दू धर्म में प्रवेश कर लिया !
प्रलोभन के आगे घुटने टेकने के बाद एक हिन्दू का धर्म परिवर्तन; परंतु पश्चाताप के कारण उन्होंने पुनः हिन्दू धर्म में प्रवेश कर लिया !
छत्तीसगढ में महासमुंद जिले के बसना में १ सहस्र १०० धर्मांतरित ईसाइयों ने मूल हिन्दू धर्म में प्रवेश किया है । बसना में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समय आयोजित कार्यक्रम में इन धर्मांतरित ईसाइयों ने हिन्दू धर्म में प्रवेश किया ।
वास्तव में नेपाल के हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन रोकने हेतु भारत को उसे सभी दृष्टि से सहायता करना आवश्यक है; परंतु गत ७५ वर्ष में शासनकर्ताओं के लिए भारत के हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन रोकना भी संभव नहीं हुआ, यही वास्तविकता है ।
छत्तीसगढ में ईसाई कांग्रेस की सरकार सत्ता में आने से वहां धर्मांतरण करने वालों पर कार्यवाही होगी, ऐसी अपेक्षा ही नहीं होनी चाहिए । वहां परिणामकारण संगठन के द्वारा ही धर्मांतरण की घटनाएं रोकी जा सकती हैं !
‘देश में धर्मांतरण विरोधी कानून न होने से अब जनता ही धर्मांतरण का विरोध करने के लिए कानून हाथ में ले रही है’, ऐसा कहना में गलत क्या ? इस ओर सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है !
हिंदुओं के लिए यह अत्यंत लज्जास्पद है कि बहुसंख्यक हिंदू देश में वे सार्वजनिक स्तर पर हिंदुओं का धर्मांतरण करने के प्रयत्न होते हैं किन्तु ऎसे कृत्य करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती !
मैसूर के पेरियापाटना भाग के सेंट मेरी चर्च में २७ दिसंबर को अज्ञात लोगों ने तोडफोड की ।
उत्तर प्रदेश में धर्मांतर विरोधी कानून होते हुए भी इस प्रकार की घटनाएं होती होंगी, तो इससे ध्यान में आता है कि, धर्मांध ईसाइयों को कानून का डर नहीं है । यह रोकने के लिए दंड और कठोर करने की आवश्यकता है !
राम कथा कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्रीजी ने ३०० लोगों को हिन्दू धर्म में वापस लाया । दूसरी ओर छत्तीसगढ राज्य के जसपुर के विशाल हिन्दू सम्मेलन में ‘अखिल भारतीय घर वापसी’ के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ५० परिवारों को पुन: हिन्दू धर्म में वापस लाया ।
‘हिन्दू धर्म में जाति-जाति में अंतर है तथा उनमें विवाद होते हैं’, इस प्रकार के समाचार प्रसारित करनेवाले प्रसारमाध्यम ईसाईयों में गुटबाजी तथा उससे होनेवाली मारपीट की अनदेखी करते हैं, यह समझ कर लें !